Highlights
- चीन की चालबाजी पर भारत ने दिया करारा जवाब
- भारतीय राजनयिकों ने बीजिंग विंटर ओलंपिक का किया बहिष्कार
- भारत ने चीन के फैसल पर कड़ी नाराजगी जताई
नई दिल्ली। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक (Winter Olympics) मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना। बीजिंग दूतावास में भारत के प्रभारी उप राजदूत बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक (Beijing 2022 Winter Olympics) के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि गलवान को लेकर चीन गंदी राजनीति कर रहा है। प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, यह वास्तव में खेदजनक है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण किया है। प्रवक्ता ने कहा, भारत इसका विरोध करता है इसलिए डी अफेयर्स ओलंपिक में शामिल नहीं होंगे। पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलिंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
चीन के इस कदम के बाद यूएनएससी में एक बैठक के दौरान भारत ने भी अपना पक्ष रखा। भारतीय राजनायिकों ने कहा, मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि इस क्षेत्र में और बाहर भारत हमेशा बातचीत के जरिए स्थिरता लाने के लिए शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अन्य कई मुद्दों पर भी जवाब दिया। अरुणाचल प्रदेश के युवा मीराम के साथ चीन के सलूक पर उन्होंने कहा कि हम इतना ही कहना चाहते हैं कि इस मामले को हमने चीन के साथ उठाया है। इस मामले को सेना के स्तर पर भी हैंडल किया गया है। लिहाजा अधिक स्पष्टीकरण के लिए आप सेना मुख्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।
वहीं पेगासस को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कथित मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की एक समिति कर रही है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। 2017 में प्रधानमंत्री की इज़राइल यात्रा के संबंध में, सात समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।उल्लेखनीय है कि, चीन ने बीते बुधवार को खेलों की मशाल रिले (Beijing 2022 Winter Olympics torchbearer) के मशालधारक के रूप में की फाबाओ (Qi Fabao) को उतारा जो चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजीमेंट (People Liberation Army or PLA) के कमांडर हैं। ओलंपिक के 1,200 मशालधारियों में की फाबाओ का नाम शामिल होने के बाद चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने उसे हिमालय की लड़ाई में भूमिका के लिए हीरो बताया। चीनी सैनिक की फाबाओ वही कमांडर हैं, जो जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley clash) में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे। की फाबाओ दिसंबर में चीनी राज्य प्रसारक सीसीटीवी में दिखाई दिया था और कहा कि वह युद्ध के मैदान में लौटने और फिर से लड़ने के लिए तैयार हैं।
ड्रैगन के इस कदम की निंदा भारत के साथ अमेरिका ने भी की है। अमेरिका के टॉप सिनेटर और स्टेट्स सीनेट कमेटी ऑन फॉरेन रिलेशंस के रैंकिंग सदस्य जिम रिश ने गुरुवार को शीतकालीन खेलों के लिए एक मशालची चुनने के लिए बीजिंग की निंदा की। उन्होंने कहा कि जो चीनी सैन्य अधिकारी भारतीय जवानों पर हमला करने का जिम्मेदार रह चुका है उसे मशाल थमाना खेल का राजनीतिकरण करना है। रिश ने कहा कि चीन उइगरों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है और अमेरिका इसका विरोध करता रहेगा। अमेरिका उइगर की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।