Monday, December 23, 2024
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Indian Bank Pregnant Employees Controversy: दिल्ली महिला आयोग ने इंडियन बैंक को भेजा नोटिस, बैंक ने गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए बताया था अनफिट

Indian Bank Pregnant Employees Controversy: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने ‘इंडियन बैंक’ को नोटिस जारी करके उससे अपने इस दिशा-निर्देश को वापस लेने को कहा है, जिसके तहत तीन महीने या उससे अधिक समय की गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए अस्थायी रूप से अयोग्य बताया गया है।

Written by: Shashi Rai @km_shashi
Updated : June 20, 2022 15:37 IST
बैंक ने गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए बताया था अनफिट
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE बैंक ने गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए बताया था अनफिट

Highlights

  • दिल्ली महिला आयोग ने इंडियन बैंक को भेजा नोटिस
  • बैंक ने गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए बताया था अनफिट
  • बैंक का यह कदम भेदभावपूर्ण और अवैध है: आयोग

Indian Bank Pregnant Employees Controversy​: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने ‘इंडियन बैंक’ को नोटिस जारी करके उससे अपने इस दिशा-निर्देश को वापस लेने को कहा है, जिसके तहत तीन महीने या उससे अधिक समय की गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए अस्थायी रूप से अयोग्य बताया गया है। बैंक के इस कदम की विभिन्न संगठनों ने कड़ी आलोचना की है, लेकिन उसने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले, जनवरी में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इसी प्रकार के नियम लागू किए थे। नियमों के तहत तीन महीने से अधिक समय की गर्भवती महिला उम्मीदवारों को ‘अस्थायी रूप से अयोग्य’ माने जाने की बात कही गई थी। इस प्रावधान को श्रमिक संगठनों और दिल्ली के महिला आयोग समेत समाज के कई तबकों ने महिला-विरोधी बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी। 

बैंक का यह कदम भेदभावपूर्ण है

इसके बाद एसबीआई को इस नियम को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था। डीसीडब्ल्यू ने अपने नोटिस में कहा कि इंडियन बैंक का यह कदम भेदभावपूर्ण और अवैध है, क्योंकि यह 'सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020' के तहत प्रदान किए गए मातृत्व लाभों के विपरीत है। उसने कहा, "इसके अलावा, यह लिंग के आधार पर भेदभाव करता है जो भारत के संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।" डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में बताया कि उसने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक को भी पत्र लिखा है। डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि पैनल ने इंडियन बैंक द्वारा कर्मचारियों की भर्ती के नए दिशानिर्देश जारी किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। 

'तीन महीने की गर्भवती महिला वरिष्ठता खो देंगी'

आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक द्वारा हाल में जारी एक परिपत्र के तहत नियत प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाने के बावजूद उन महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोक दिया गया है, जो तीन महीने से अधिक की गर्भवती हैं। उसने कहा, ‘‘बैंक ने नियम बनाए हैं जिनमें कहा गया है कि यदि कोई महिला उम्मीदवार तीन महीने की गर्भवती है, तो उसे ‘अस्थायी रूप से अयोग्य’ माना जाएगा और वह चयन होने के बाद भी तत्काल कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाएगी। इससे उनके नौकरी शुरू करने में देरी होगी और बाद में वे अपनी वरिष्ठता खो देंगी।’’

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