Highlights
- राजस्थान पुलिस ने कई दिनों से इस जवान को रडार पर रखा था
- हनी ट्रैप एक पाकिस्तानी हथियार
- प्रतिबंधित ऐप्स की सबसे विस्तृत श्रृंखला में टिंडर
भारतीय सेना का एक जवान हनी ट्रैप का शिकार हो गया है। इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने दी है। जवान पर आरोप लगा है कि ये पाकिस्तान के लिए काम करते था। आरोपी मुख्य रूप से राजस्थान में पोस्टेड था। आरोपी शांतिमय राणा बंगाल का रहने वाला है। राजस्थान पुलिस ने बताया कि ये भारतीय सेना से जुड़ी अहम जानकारी पाकिस्तान को देते आ रहा था। राजस्थान पुलिस ने कई दिनों से इस जवान को रडार पर रखा था, जवान की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। मंगलवार की देर शाम राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
हनी ट्रैप का शिकार हुआ शांतिमय राणा
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले व्यक्ति कब किससे मिल जाए कोई नहीं जानता है। इसी सोशल मीडिया का शिकार कई लोग हो जाते हैं, जैसे शांतिमय राणा हो गया ।शांतिमय राणा का पाकिस्तान की दो महिलाओं से दोस्ती हुई जिसके बाद दोस्ती काफी गहरी हो गई, लेकिन आरोपी को पता नहीं था कि जिससे मेरी बात हो रही है वो पाकिस्तानी महिला है। दरअसल, जिस महिला से आरोपी की दोस्ती हुई थी वो मुल रूप से पाकिस्तानी बताई जा रही है, जबकि आरोपी से महिलाओं ने बताया था कि हम भारत के रहने वाले हैं। इस बात की जानकारी राजस्थान पुलिस के महानिदेशक उमेश मिश्रा ने दी है। उन्होंने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया पर जिन महिलाओं से जुड़ा था। उनका नाम अकिंता कौर और निशा है। मिश्रा ने बताया कि पहली महिला खुद को उत्तर प्रदेश की सैन्य इंजीनियरिंग सेवा में कार्यरत बताती है, जबकि दुसरी महिला ने बताया कि वह मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में है। महिलाओं ने इसी का फायदा उठाते हुए कई अहम जानकारी शांतीमय राणा से सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए मजबूर किया। आरोपी महिला के जाल में पूरी तर से फंस गए थे। वही ये भी स्वीकार्य किया कि हमें इसके बदले पैसे मिलते थे।
हनी ट्रैप एक पाकिस्तानी हथियार
भारतीय सेना में आए दिन हनी ट्रैप के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। पाकिस्तान इसे बड़े हथियार के रूप में प्रयोग करता है। जिसके जरिए देश की आंतरिक मामले और सेना से जुड़ी अहम जानकारी निकालने के लिए कोशिस करता है। पाकिस्तान सोशल मीडिया पर अपने लोगों को तैयार करता है कि कैसे हनी ट्रैप में भारतीय सेना के जवानों को फंसाया जाए। इसके लिए महिलाओं को पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। ये फिर महिलाएं फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से सेना के जवानों से दोस्ती करती हैं। इसके बाद जवानों के साथ पहले समय देती है और धीरे-घीरे अपने बहकावे में लाकर अहम जानकारी निकालने का प्रयास करती हैं। महिलाओ के जाल में अबतक कई सेना के जवान इसके शिकार हो चुके हैं
सेना ने अबतक हनी ट्रैप से बचने के लिए क्या किया?
भारतीय सेना ने भारतीय सेना के अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 150 प्रोफाइल की पहचान दिसबंर 2020 में की थी। इस तरह की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति ने भारत सरकार को भारतीय सेना के सैनिकों से फेसबुक, इंस्टाग्राम और 87 अन्य ऐप को अपने फोन से हटाने के लिए कहा था। प्रतिबंधित ऐप्स की सबसे विस्तृत श्रृंखला में टिंडर, ट्रूली मैडली और ओके क्यूपिड जैसे 15 डेटिंग ऐप्स शामिल थे।
हनी ट्रैप क्या है?
यह आम तौर पर भारतीय सेना के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक सैनिक की पोस्ट को पसंद करने वाली एक 'सुंदर, युवा महिला' के साथ शुरू होता है। कुछ हल्की बातचीत के बाद, महिला सामान्य रूप से बंदूकों, टैंकों और विमानों की और तस्वीरें मांगती हैं। समय के साथ, बातचीत सीधे संदेशों और व्हाट्सएप चैट में चली जाती है, जहां पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के संचालक हनी ट्रैप में फंसे सैनिक को रक्षा रहस्यों को उजागर करने के लिए ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं।