चंद्रयान-3 द्वारा अंतरिक्ष में झंडा बुलंद करने के बाद अब भारत की सैन्य शक्ति को भी मजबूत करने की तैयारी है। भारतीय वायुसेना ने जल्द ही 100 से अधिक स्वदेशी LCA तेजस मार्क 1A विमानों का ऑर्डर देने की योजना बनाई है। इस कदम से भारत की सैन्य शक्ति तो बढ़ेगी ही साथ ही एयरोस्पेस सेक्टर को भी बड़ा बूस्ट मिलने की उम्मीद की जा रही है।
अधिकारियों को भेजा प्रस्ताव
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना ने अपने मिग-21 लड़ाकू विमानों के रिटायर होने के बाद मेड इन इंडिया विमानों को खरीदने की योजना रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान में अन्य सभी अधिकारियों को सौंप दी है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड सहित सभी संबंधित संस्थाओं के साथ बैठक की थी। इसके बाद 100 विमान खरीदने की योजना बनी है।
क्यों पड़ी जरूरत?
वायुसेना के पास उपलब्ध विमानों के कई बेड़ें कुछ सालों बाद रिटायर होने वाले हैं। मिग-21 को तो वायुसेना ने 2025 तक पूरी करह से हटाने का ऐलान किया है। ऐसे में भारत के पास लड़ाकू विमानों की संख्या काफी कम हो जाती। ऐसे में चीन-पाकिस्तान के दोहरे खतरे को देखते हुए वायुसेना जल्द से जल्द अपनी तैयारियों को पूरा करना चाहती हैं। इसी कारण इन 100 विमानों का ऑर्डर दिया जा रहा है।
क्या है विमान की खूबी?
भारत के इस स्वेदेशी तेजस मार्क 1A विमान को दुनिया के सबसे बेहतर हल्के लड़ाकू विमान की कैटेगरी में रखा जाता है। यह तेजस का ही अपग्रेडेड वर्जन है। तेजस में उन्नत किस्म का राडार लगाया गया है। इसके साथ ही इसमें हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले और सेल्फ प्रोटेक्शन सूट भी दिया गया है। लड़ाकू विमान में कुल 9 हार्ड प्वाइंट्स दिए गए हैं। ये आधुनिक किस्म के हवा से हवा में मार करने वाली BVR मिसाइलों को भी फायर कर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड मैक-2 तक जा सकती है।
पहले भी मिल चुके ऑर्डर
वायुसेना ने इससे पहले भी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 83 तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। फरवरी 2024 से इन नए विमानों की डिलिवरी भी शुरू कर दी जाएगी। आने वाले 15 वर्षों में वायुसेना के पास 40 तेजस, 180 से अधिक तेजस मार्क 1A और 120 तेजस मार्क 2 विमान होंगे।
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