Highlights
- सोमवार को स्वदेशी LCH को बेड़े में किया जाएगा शामिल
- कार्यक्रम में रक्षा मंत्री और एयर चीफ मार्शल भी लेंगे हिस्सा
- 'कई हथियारों के इस्तेमाल का किया जा चुका है परीक्षण'
Light Combat Helicopter: भारतीय वायुसेना (IAF) देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को सोमवार को औपचारिक रूप से अपने बेड़े में शामिल करेगी। इससे वायुसेना की ताकत में और बढ़ोतरी होगी, क्योंकि यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है। पहली यूनिट में 10 LCH शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी शामिल होंगे।
इस हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बंगलूरु में बनाया है। इसे प्राथमिक रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच 'एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर' ध्रुव से समानता रखता है। उन्होंने बताया कि इसमें कई में स्टील्थ (राडार से बचने की) विशेषता, बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है।
समारोह में भाग लेने के लिए जोधपुर जाऊंगा: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, "मैं कल, तीन अक्टूबर को पहले स्वदेश विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों (LCH) को शामिल करने के समारोह में भाग लेने के लिए जोधपुर, राजस्थान जाऊंगा। इन हेलीकॉप्टरों को शामिल करने से भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए उत्सुक हूं।"
क्या है इसकी खासियत?
- इस हेलीकॉप्टर की खासियत है कि ये पहाड़ी इलाके में आसानी से अपनी फुल कैपेसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ ऑपरेट कर सकता है।
- यह दुश्मन के राडार से भी आसानी से बचा रह सकता है। इसके बॉडी और रोटर्स ऐसे बनाए गए हैं, जिन पर गोली का कोई खास असर नहीं होगा।
- LCH को सियाचिन से लेकर रेगिस्तान तक के अलावा समुद्र में भी तैनात कर सकते हैं।
- यह आगे से बहुत पतला है, ताकि इस पर हवा का दवाब कम रहे और इसकी स्पीड पर कुछ असर ना पड़े।
- जानकारी के मुताबिक, इसकी टॉप स्पीड करीब 270 किलोमीटर/घंटा है।
- इस हेलीकॉप्टर में फाइटर प्लेन की तरह ही दो पायलट आगे पीछे बैठते हैं, जबकि सामान्य हेलीकॉप्टर में दो पायलट अगल बगल बैठते हैं।
- जरूरत के मुताबिक, LCH में हवा से हवा या फिर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल लग सकती है।
- चूंकि इस हेलीकॉप्टर का डिजाइन से लेकर प्रोडक्शन तक देश में हुआ है, इसलिए आगे चलकर इसमें सुधार भी आसानी से किया जा सकता है।
फिलहाल वायुसेना के पास रूस में बने एमआई 35 और अमेरिका से खरीदे गए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर हैं। गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक में स्वदेश विकसित 15 LCH को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे।