एक ओर चीन और दूसरी ओर पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारतीय वायुसेना पूरी तैयार रहना चाहती है। भारत के पास राफेल, सुखोई जैसे कई अत्याधुनिक विमान है जो दुश्मनों को आसानी से मात दे सकते हैं। हालांकि, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एक ऐसी चीज है जहां भारत चीन से काफी पीछे है। इसलिए वायुसेना बीते लंबे समय से अपने बेड़े में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान शामिल करने की इच्छा जता रही है। ऐसे में अच्छी खबर ये आई है कि सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCAS) ने भारत के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान AMCA परियोजना को मंजूरी दे दी है।
क्या है पूरा मामला?
मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी है कि सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCAS) ने भविष्य की आवश्यकता के लिए जरूरी पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान यानी AMCA को स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित करने के प्रस्ताव को मंजरी दे दी है। बता दें कि ये प्रस्ताव बीते लंबे समय से समिति के पास लंबित पड़ा था।
बड़ा कदम है AMCA को मंजूरी
रक्षा मामलों से जुड़् विशेषज्ञों के अनुसार, AMCA परियोजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। बता दें कि भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक स्टील्थ सुविधाओं के साथ मध्यम वजन वाले लड़ाकू विमान AMCA को विकसित करने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम किया जा रहा है।
15000 करोड़ शुरुआती लागत
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की परियोजना की प्रारंभिक लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। बता दें कि अमेरिका, रूस और चीन पहले से ही इस स्तर के विमानों का संचालन कर रहे हैं। वहीं, हाल ही में तुर्की ने भी ऐसे विमान का ट्रायल किया है। (इनपुट: भाषा)
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