Highlights
- फिलीपींस की नौसेना के लिए मिसाइलों की खरीद के लिए दोनों देशों के बीच वर्षों से बातचीत चल रही थी।
- फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ अपने टकराव के मद्देनजर अपनी नौसेना को मजबूत बना रहा है।
- पिछले कुछ दिनों में फिलीपींस ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए कई रक्षा सौदे किए हैं।
नयी दिल्ली: भारत और फिलीपींस जल्दी ही अंतर-सरकारी ब्रह्मोस मिसाइल सौदे को अंतिम रूप देंगे। फिलीपींस की नौसेना के लिए सुपरसोनिक मिसाइलों की खरीद के लिए दोनों देशों के बीच वर्षों से बातचीत चल रही थी। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सौदे पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। बता दें कि इस खरीद से फिलीपींस के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों के आगे बढ़ने की उम्मीद है। फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे टकराव के मद्देनजर अपनी नौसेना को मजबूत बना रहा है।
‘सौदे पर बातचीत लगभग पूरी हुई’
अधिकारियों ने सौदे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्मोस सौदे पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और दोनों पक्ष अगले कुछ हफ्तों में करार को औपचारिक रूप देने के लिए तैयार हैं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस संयुक्त उद्यम है और यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। यह संस्करण लगभग 290 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है।
‘आधुनिकीकरण के लिए किए कई रक्षा सौदे’
पिछले कुछ दिनों में फिलीपींस ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए कई रक्षा सौदे किए हैं। रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि भारत और रूस, फिलीपींस व कई अन्य देशों को ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात करने की योजना बना रहे हैं। इंडोनेशिया सहित कई देशों और कई खाड़ी देशों ने मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है।