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हथियार खरीदने वाला भारत अब बन रहा हथियार बेचने वाला देश, जानिए किसने की सरकार की सराहना?

संसद की एक समिति ने फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति का सौदा करने के मामले पर सरकार से सिफारिश की है कि देशी स्तर पर हथियारों को ज्यादा से ज्यादा बेचने के आॅर्डर हासिल करना ​चाहिए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 17, 2022 7:47 IST
Brahmos- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Brahmos

Highlights

  • भारत 7 देशों को बेचता है ​हथियार, इनमें दक्षिण चीन सागर के देश भी शामिल
  • हथियार बेचने वाले दुनिया के शीर्ष 25 देशों में शामिल है हमारा देश
  • फिलीपींस को ब्रह्मोस की बैटरी आपूर्ति करने का 37.5 करोड़ डॉलर का सौदा हासिल किया

नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति का सौदा करने के लिये सरकार की सराहना की है। साथ ही  सिफारिश की है कि स्वदेशी स्तर पर तैयार सैन्य उपकरणों के अधिक से अधिक संख्या में निर्यात का आर्डर हासिल करना सुनिश्चित करने के लिये प्रयास किये जाने चाहिए। भारत ने जनवरी में फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की तीन बैटरी आपूर्ति करने का 37.5 करोड़ डॉलर का सौदा हासिल किया था। वैसे देखा जाए तो भारत जो कि हथियार आयात करने वाले टॉप देशों में शामिल है, अब हथियारों के निर्यात में भी आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में भारत करीब सात देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रक्षा निर्यात में शीर्ष 25 देशों में शामिल है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारत ने पिछले करीब 8 वर्षों में 38 हजार करोड़ से अधिक के रक्षा सामानों का निर्यात किया है और देश जल्द ही शुद्ध निर्यातक बन जाएगा।

संसद में बुधवार को पेश रक्षा संबंधी स्थायी समिति के 29वें प्रतिवेदन में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रथम चरण पूरा करने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। समिति ने कहा कि विशाल वैश्विक बाजार का दोहन करने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित प्लेटफार्मों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

समिति ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को वाणिज्य और विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय को और प्रगाढ़ करना चाहिए ताकि और निर्यात आर्डर हासिल किए जा सकें। समिति ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मंत्रालय, विभाग एवं विकास संस्थाओं के स्तर पर बेहतर समन्वय हो। आत्मनिर्भर भारत के तहत की गई पहल के संदर्भ में समिति ने नोट किया कि घरेलू पूंजी खरीद का हिस्सा जो वर्ष 2020 - 21 और 2021-22 में क्रमश: 58% और 64% निर्धारित किया गया था, उसको वर्ष 2022 के लिए रक्षा सेवाओं के पूंजी अधिग्रहण बजट का 68% तक बढ़ा दिया जो लगभग 84598 करोड रुपए है।

वहीं, रक्षा सचिव ने समिति को बताया कि अन्य देशों के माध्यम से या मेक इन इंडिया के तहत खरीदी गई वस्तुओं की गुणवत्ता के मानकों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। समिति ने रक्षा सचिव के प्रस्तुतीकरण पर ध्यान देते हुए मंत्रालय से मेक इन इंडिया पहल के तहत निर्मित एवं उत्पादित किए जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता की सख्त निगरानी जारी रखने का आग्रह किया ताकि हमारी सेनाएं विश्वस्तरीय उत्पादों से लैस हो सके। 

समिति ने कहा है कि पिछले 3 वर्षों में सशस्त्र बलों के स्वदेशी रूप से उत्पादित उपकरणों, प्लेटफार्म हथियारों की गुणवत्ता और मानकों के संबंध में अगर कोई शिकायत है तो वह शीघ्र समिति को भेजी जाए। समिति ने सिफारिश की है कि रक्षा अनुसंधान और विकास के लिए आवंटित निधियों का पूर्ण और विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। 

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