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India TV 'She' Conclave: पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा और हिमा कोहली ने कहा, "महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत"

India TV 'She' Conclave के मंच पर पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा और हिमा कोहली ने महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों पर बात की।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Mar 20, 2025 15:00 IST, Updated : Mar 20, 2025 15:23 IST
पूर्व जस्टिस इंदु...
Image Source : INDIA TV पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा और हिमा कोहली

पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा और पूर्व जस्टिस हिमा कोहली ने India TV 'She' Conclave में महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बात की। कार्यक्रम के दौरान मंच पर पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा कि 75 साल में से आखिरी के 20 साल में बहुत बदलाव आया है। देश में नई LEGISLATION आई है, न्यायपालिका का परिप्रेक्ष्य बदल गया है। इससे समाज में बहुत फर्क पड़ा है। वहीं, पूर्व जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि देश में 48.5 परसेंट महिलाओं की जनसंख्या है। 80 के दशक में बहुत कम महिलाएं कानूनी पेशा चुनती थी। जानकारी दे दें कि इंदु मल्होत्रा और हिमा कोहली दोनों सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस थीं, जो कुछ साल पहले ही रिटायर हो चुकी हैं।

धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए

आगे पूर्व जस्टिस ने कहा कि 1990 के उदारीकरण के बाद महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। कई महिलाओं ने बैंकिंग, गेल, भेल के लीगल विभाग को चुना। अब जुडिश्यरी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। अब महिलाओं का रिप्रजेंटेंशन सिंबॉलिक नहीं है। साल 2024 तक देश में 747 फार्स्ट ट्रैक कोर्ट बने हैं। इन कोर्ट की मदद से सुनवाई में तेजी आई है। सबरी माला मंदिर मामले में 3 मुद्दे थे, सबरी माला की दक्षिणी राज्यों बहुत मान्यता है, मेरी राय में धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जिन्होंने PIL फाइल की वो कभी सामने नहीं आए। लीगल प्रोफेसन में आए तो कंसिस्टेंट रहे हैं। आपको हमेशा प्रोफेशन की तरह अवेलव रहे। काम की तय सीमा में खत्म करें

स्थिति बदल रही है और महिलाएं इस पेशे में आ रही- हिमा कोहली

पूर्व जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि देश में 48.5 परसेंट महिलाओं की जनसंख्या है, 80 के दशक में बहुत कम महिलाएं कानूनी पेशा चुनती थी। महिलाओं की बाध्यता काफी अधिक थी। कई महिलाओं को शादी की वजह से करियर छोड़ना पड़ता था। कई महिलाएं कानूनी पेशा में SUSTAIN नहीं कर पाती थी। जैसे-जैसे स्थिति बदल रही है और महिलाएं इस पेशे में आ रही हैं।India TV 'She' Conclave

Image Source : INDIA TV
India TV 'She' Conclave

परिवार में दूर-दूर तक वकील जज नहीं था

उन्होंने आगे कहा कि मेरे परिवार में दूर-दूर तक वकील जज नहीं था। ये मेरे अकेले की यात्रा है। महिलाओं के लिए काम ढूंढ़ना काफी मुश्किल है। मैं लकी थी कि मैंने जिस चेंबर को ज्वाइन किया वहां काम करने का मौका मिला। शुरूआती 5 साल में काफी दिक्कतें हुई। शुरू में वकालत करके घर चलाना मुश्किल था, अगर आपके परिवार में बैकअप नहीं होगा तो संभव नहीं है। शुरूआत में आपको काफी दिक्कतें आएंगी। पहले किताबों के लिए फंड जुटाना मुश्किल होता था। SHE टीम्स से बहुत फर्क पड़ा है। SHE टीम्स महिलाओं को इनकरेज करती है। आज देश में 330 से ज्यादा SHE टीम्स हैं।

कई जगह सेक्सुअल हरैसमेंट कमेटी नहीं बनी

आगे उन्होंने कहा कि अब महिला पुलिस को देख कंप्लेन करने में झिझकती नहीं है। 2012 में सेक्सुअल एक्ट बनने के बाद भी 2024 तक कई जगह सेक्सुअल हरैसमेंट कमेटी नहीं बनी है। महिलाओं को पता ही नहीं था कि कंप्लेन हुई तो कहां जाना है। हमने सभी राज्यों को निर्देश दिए कि कमिटी के बारे में जानकारी दे। हर चीफ सेक्रेट्री को रिपोर्ट देने को हमने कहा है। मेरा परिवार महिलाओं का है, मेरे घर में मेरी मां और मेरी बहन है, घर आने से पहले गाउन छोड़कर एंट्री करती थी। इतना ही नहीं हम तेलंगाना में अपनी सिक्योरिटी छोड़ सब्जी खरीदने गए। ऐसे अनुभव आपको लोगों से कनेक्ट करते है। न्याय देने के लिए ये अनुभव जरूरी है। मैं इस पेशे की महिलाओं से कहना चाहूंगी कि फीस को टारगेट ना करें अनुभव को काउंट करें।

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