India TV Samvaad: लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी पारा सातवें आसमान पर है। राजनेताओं और राजनीतिक दलों में जुबानी जंग तेज है। इस दौरान 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का विपक्षी दलों ने न्योता ठुकराकर बीजेपी को हमला बोलने का मौका दे दिया है। बीजेपी के नेता इसे जनता के विश्वास और उनके आस्था के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं। इसी बीच इंडिया टीवी संवाद में आए प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास जनता के विकास की ना ही नियत है और ना ही कोई नीति है।
इंडिया गठबंधन में गृहयुद्ध चल रहा है- स्वतंत्र देव सिंह
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि इन्हें मालूम है कि यह लोग 2024 का चुनाव हरने वाले हैं, इसलिए यह गठबंधन बनाने लगे हैं। लेकिन इनसे यह भी नहीं हो पा रहा है। इनके साथ इन्हें छोड़कर भाग रहे हैं। यह पिछले एक साल से अपने नेता और निशान तक तय नहीं कर पाए हैं और एकसाथ चुनाव लड़ने की बात करते हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर इनके बीच गृहयुद्ध चल रहा है और यह एकता की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने मन बना लिया है कि वह बीजेपी को 400 से ज्यादा सीटें देगी और एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएगी।
करोड़ों रामभक्तों का सपना पूरा हुआ- स्वतंत्र देव सिंह
बीजेपी नेता ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। यह दुनियाभर के करोड़ों रामभक्तों का सपना पूरा हो रहा है। मंदिर के लिए लोगों की जनभावना थी और इसी के बल पर आज मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता हमेशा ही जनभावना के खिलाफ काम करते रहे हैं और चाहते हैं कि जनता इनका साथ दे। वहीं राम मंदिर का लोकसभा चुनाव में लाभ उठाने पर बीजेपी नेता ने कहा कि यह राजनीतिक नहीं बल्कि आस्था का विषय है। जिन लोगों को लगता है कि यह विषय राजनीतिक है तो वह मुगालते में जी रहे हैं।
'बीजेपी जनता के मुद्दों पर लड़ती है चुनाव'
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ती है। हमारी सरकार ने गरीबों को छत दी है। घरों में गैस कनेक्शन दिया है, करोड़ों घरों में पानी की लाइन पहुंचाई है। गरीबों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है। इसलिए हमें चुनाव आम जनता लड़वाती है। आज उत्तर प्रदेश में विकास की धारा बह रही है। सभी शहर पक्की सड़कों से जुड़ चुकी हैं। गुंडे जेलों में हैं या फिर प्रदेश ही छोड़ चुके हैं।