इंडिया टीवी के बजट संवाद में बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बजट को लेकर हो रही आलोचना पर कहा कि मोदी सरकार के ऊपर मुहर्रमी मातम बनाने वालों ने पिछले 8 सालों में कम से कम आधा दर्जन बार मर्सिया पढ़ लिया है। मगर हकीकत ये है कि उन नाकाम हसरतों की आरजू दिल की दिल में ही रह गई है। लेकिन मोदी जी इस देश के लिए तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित की भावना से काम करने में लगे हैं। वहीं सुधांशु त्रिवेदी ने बजट को विकसित भारत की आधारशिला रखने वाला बजट बताया।
देश के करोड़ों लोगों का पैसा डूबा: गौरव वल्लभ
वहीं बजट संवाद में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने अटैक करते हुए कहा कि सरकार की हालत ये है कि पूरी सरकार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कहीं छुपी हुई बैठी है। एलआईसी हो, एसबीआई हो, देश के दूसरे बैंक हों, सबका पैसा दिन ब दिन कम होता जा रहा है। गौरव वल्लभ ने कहा कि 24 जनवरी से लेकर आजतक 75 हजार करोड़ रुपया एलआईसी का डूब गया। उन्होंने कहा कि एलआईसी का पैसा डूबना यानी देश के करोड़ों लोगों का पैसा डूबा।
कांग्रेस में राहुकाल छाया: सुधांशु त्रिवेदी
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये बजट अमृतकाल में विकसित भारत की नींव रखने वाला बजट है। लेकिन जब से कांग्रेस में राहुकाल छाया है, तब से उनके लिए मुश्किल है कि वे अमृतकाल को देख सकें। वहीं दो टैक्स रिजीम पर सुधांशु ने कहा कि इनकी पार्टी में भी दो तरह का रिजीम चलता है।
सुधांशु त्रिवेदी ने बताया क्यों चल रहे दो टैक्स रिजीम?
इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सरकार ने कुछ सालों तक पुराना टैक्स रिजीम रखा क्योंकि होम लोन, कार लोन या किसी अन्य लोन में अलग तरह की छूट है। लेकिन देश में एक वो पीढ़ी है जो 30 साल से कम की है, जिसे सैलरी मिल रही है लेकिन वे अभी लोन नहीं लेना चाह रहे। उनके लिए नया टैक्स रिजीम है। और दूसरी वो पीढ़ी है जो 50 साल से ऊपर है और रिटारमेंट की तरफ बढ़ रही है। उसके लिए पुराना टैक्स रिजीम ज्यादा बेहतर है।
देश 10वीं से पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया: त्रिवेदी
सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि 2014 में जब पीएम मोदी ने जनधन योजना की शुरुआत की तो लोगों को समझ में नहीं आया था कि ये क्यों खुलवा रहे हैं। लेकिन फिर उन्हीं खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया। फिर उसके बाद नोटबंदी आई, फिर जीएसटी आया, प्रोडक्ट लिंक इन्सेंटिव स्कीम आई और अब 8 सालों में देश बढ़ते-बढ़ते 10वीं से पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए। हम तीसरे सबसे बड़े ऑटॉमोबाइल के निर्माता बन गए।
अमृतकाल में भारत की भुखमरी रैंकिंग 107वीं है- गौरव वल्लभ
वहीं इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि अमृतकाल में भारत की भुखमरी की रैंकिंग 107वीं है। श्रीलंका, नेपाल, भूटान जैसे सारे पड़ोसी देश हमसे बेहतर हालात में हैं। UNDP के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब लोग भारत में रहते हैं। अमृतकाल में जेंडर गैप में हमारी रैंक 135वीं है। पर कैपिटा जीडीपी में हमारी रैंक दुनिया में 142 पर है। गौरव वल्लभ ने कहा हीरा सस्ता हो गया और खाने के सामान महंगे हो गए।
रुपया 2022 में एशिया का सबसे बेकार परफॉर्मिंग करेंसी रहा: वल्लभ
गौरव वल्लभ ने कहा कि 2011-12 में देश की बेरोजगारी दर 2 प्रतिशत थी लेकिन आज 8.5 प्रतिशत है। CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से लेकर 2022 के बीच 2 करोड़ 10 लाख महिलाओं का रोजगार चला गया। 5.5 करोड़ लोग जो 2017 में एम्पलॉयमेंट में थे वो आज बाहर हो गए। गौरव वल्लभ ने कहा कि रुपया 2022 में एशिया का सबसे बेकार परफॉर्मिंग करेंसी रहा है।
वो जमाना गया जब अमेरिका केंद्रित मॉडल था: त्रिवेदी
BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि IMF में मनमोहन सिंह काम कर चुके हैं। उसने कहा है कि 6 प्रतिशत भारत की ग्रोथ रेट रहने वाली है और 2.9 प्रतिशत औसत ग्रोथ रेट पूरे विश्व की रहने वाली है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है लेकिन पाउंड के मुकाबले मजबूत हुआ है, यूरो के मुकाबले मजबूत हुआ है, येन के मुकाबले मजबूत हुआ, चीन की करेंसी के मुकाबले मजबूत है। क्योंकि वो जमाना गया जब अमेरिका केंद्रित मॉडल था। अब भारत रूस के साथ रूबल और रुपये में खरीद कर रहा है।