नई दिल्ली : लोकसभा ने पिछले बृहस्पतिवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मंजूरी दे दी। यह विधेयक दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के ट्रांसफर एवं पोस्टिंग के लिए एक अथॉरिटी के गठन के लिए जारी केंद्र सरकार के अध्यादेश की जगह लेगा। लोकसभा में करीब चार घंटे तक चली चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर जवाब दिया। गृह मंत्री के जवाब के बाद इस बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस मुद्दे पर इंडिया टीवी ने पोल के जरिए जनता की राय ली जिसके नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे।
'दिल्ली सेवा बिल पास होते ही I.N.D.I.A गठबंधन टूट जाएगा'
हमने अपने पोल में जनता से यह पूछा था कि ' क्या दिल्ली सेवा बिल पास होते ही I.N.D.I.A गठबंधन टूट जाएगा?' इसके लिए हमने जनता के सामने 'हां', 'नहीं' और 'कह नहीं सकते', तीन ऑप्शन दिए थे। इस पोल में जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हमें कुल 8,551 लोगों की राय जानने का मौका मिला। इस पोल में ज्यादातर लोगों का कहना था कि दिल्ली सेवा बिल पास होते ही I.N.D.I.A गठबंधन टूट जाएगा। वहीं कुछ हद तक लोगों का यह मानना था कि कि इससे I.N.D.I.A गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं बेहद कम लोग ही ऐसे थे जो इस पर राय देने की स्थिति में नहीं थे और उन्होंने 'कह नहीं सकते' का ऑप्शन चुना।
आंकड़ों में कैसा रहा पोल का नतीजा?
आंकड़ों की बात करें तो इस मतदान में कुल 8,551 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें से ज्यादातर, यानी 75 फीसदी लोगों का मानना था कि दिल्ली सेवा बिल पास होते ही I.N.D.I.A गठबंधन टूट जाएगा। वहीं करीब 20 फीसदी लोगों का मानना था कि इससे गठबंधन पर असर नहीं पड़ेगा। उनका जवाब 'नहीं' था जबकि करीब 5 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने 'कह नहीं सकते' का ऑप्शन चुना।