नई दिल्ली: वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 2 सितंबर को ISRO द्वारा प्रक्षेपित किए जाने वाले भारत के पहले सौर मिशन Aditya-L1 के जरिए एकत्र किए गए आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद सूर्य के अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में नई जानकारी मिल सकेगी। इस मिशन को 2 सितंबर को पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाना है। इस मिशन को लेकर जनता के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हैं इसीलिए इंडिया टीवी ने इस मुद्दे पर एक पोल कराया। इस पोल में पूछे गए सवाल पर 8300 से ज्यादा लोगों ने अपनी राय रखी।
उम्मीद से भरे हुए हैं पोल में हिस्सा लेने वाले अधिकांश लोग
हमने पोल में जनता से सवाल पूछा था कि ‘क्या ISRO के मून मिशन की तरह ही Aditya L1 मिशन भी होगा कामयाब?’ और उन्हें ‘हां’, ‘नहीं’ एवं ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प दिए थे। इस पोल के प्रश्न पर कुल मिलाकर 8317 लोगों ने अपनी राय रखी जिनमें से 93 फीसदी लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया। इन लोगों का मानना है कि ISRO का आदित्यन एल-1 मिशन पूरी तरह सफल रहेगा। वहीं, 4 फीसदी लोगों का मानना है कि ISRO अपने मिशन में नाकाम रह सकता है, जबकि 3 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने ‘कह नहीं सकते’ का विकल्प चुनना ज्यादा सही समझा।
सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करेगा Aditya-L1
बता दें कि Aditya-L1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और L1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ऐसे समय अंजाम देने जा रहा है जब हाल ही में इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराकर देश को गौरवान्वित करने वाला इतिहास रच दिया है। आदित्य-एल1 को PSLV-C57 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा।