नई दिल्ली: बिहार में हुई जातीय जनगणना के बाद से ये सवाल उठने लगा है कि क्या भारत के सभी राज्यों में जातीय जनगणना होनी चाहिए। इस सवाल को लेकर इंडिया टीवी ने एक पोल करवाया, जिसमें जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दरअसल इंडिया टीवी ने सवाल किया कि क्या भारत के सभी राज्यों में होनी चाहिए जातीय जनगणना? इस सवाल के जवाब में 78 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। वहीं 21 फीसदी लोगों ने नहीं कहा और एक फीसदी लोगों ने 'पता नहीं' में जवाब दिया। इस पोल में कुल 12,812 लोगों ने भाग लिया था।
जातीय जनगणना की रिपोर्ट क्या कहती है?
बिहार में हुई जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में सवर्ण यानी अपर कास्ट की आबादी 15.52 परसेंट हैं, ओबीसी आबादी 27.12 परसेंट है, अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 परसेंट है, अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 परसेंट है। जातीय जनगणना की सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद नीतीश कुमार खुश हैं। सर्वे रिपोर्ट में साफ है कि बिहार में सबसे बड़ी आबादी अति पिछड़ों की दिख रही है और आरजेडी को इसमें वोट बैंक दिखने लगा है।
पटना में कल सर्वदलीय बैठक भी हुई
बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को जातीय गणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई थी। इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी से विजय सिन्हा और RJD से तेजस्वी यादव मौजूद रहे। 'हम' पार्टी से जीतनराम मांझी पहुंचे और इस बैठक में वित्त मंत्री विजय चौधरी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और AIMIM से अख्तरुल ईमान भी पहुंचे।
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