संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने का तरीका बताया है। इसके साथ ही यह भी कहा कि आने वाले समय में भारत की तरफ से फिलस्तीनी लोगों की मदद के लिए और सामान भेजा जाएगा। इजरायल पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत की तरफ से कहा गया कि दोनों देशों को साथ मिलकर बात करनी चाहिए और शांति स्थापित करने के लिए समाधान निकालना चाहिए।
मध्य पूर्व की स्थिति पर खुली बहस में भारत ने किसी एक देश का समर्थन करने की बजाय दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की बात कही। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा, " भारत फिलिस्तीनी लोगों के लिए और अधिक मदद करने के लिए तैयार है। हमारे विकास सहायता का पैमाना वर्तमान में 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1009 करोड़ रुपये) है। इसमें संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी को दिए गए 37 मिलियन डॉलर की मदद भी शामिल है।"
स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन
पार्वथानेनी हरीश ने कहा, "हमने इस वर्ष 22 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी को 6 टन दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप भी भेजी है। 7 अक्टूबर को इजराइल में हुए आतंकवादी हमले हमारी स्पष्ट निंदा के पात्र हैं। मैं सभी बंधकों की तत्काल रिहाई और युद्ध विराम के लिए भारत के आह्वान को दोहराता हूं। हम दो-राज्य समाधान का समर्थन करते हैं, जिसमें पारस्परिक रूप से सहमत सीमाओं के भीतर एक संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना शामिल है।"
शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व पर जोर
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा "हम इस प्रयास में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से भी आग्रह करते हैं। भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व के अपने दृष्टिकोण में अपने अटूट विश्वास को रेखांकित करता है। भारत के रूप में, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास एक विश्वसनीय भागीदार है जो एक शांतिपूर्ण और स्थिर मध्य पूर्व बनाने और दीर्घकालिक शांति और स्थिरता स्थापित करने की दिशा में सभी संबंधित हितधारकों के साथ अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तैयार है।"