Thursday, November 28, 2024
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भारत ने INS अरिघात से बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया, न्यूक्लियर अटैक में भी सक्षम, जानें कितनी है रेंज

भारत ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया है। वह न्यूक्लियर अटैक में भी सक्षम है और 3500 किलोमीटर तक की दूरी पर हमला कर सकती है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Nov 28, 2024 15:52 IST, Updated : Nov 28, 2024 15:52 IST
Representative Image- India TV Hindi
Image Source : PTI बैलिस्टिक मिसाइल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारतीय नौसेना ने बुधवार (27 नवंबर) को आईएनएस अरिघात से के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल की रेंज 3500 किलोमीटर है। भारतीय नौसेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस मिसाइल टेस्ट के नतीजों का विश्लेषण किया जा रहा है। नतीजों का विश्लेषण पूरा होने के बाद संबंधित अधिकारी सेना के प्रमुख अधिकारियों और सरकार में शामिल प्रमुख नेताओं को टेस्ट के नतीजों के बारे में बताएंगे।

भारत इससे पहले जमीन से वार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्च सिस्टम का सफल परीक्षण कर चुका है। ऐसे में यह परीक्षण हमले की दूसरी लाइन तैयार करने के लिए अहम है।

कई और टेस्ट करेगी भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना ने अगस्त में विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में पनडुब्बी (आईएनएस अरिघात) को अपने बेड़े में शामिल किया था। सूत्रों ने बताया कि मिसाइल की पूरी रेंज का टेस्ट करने से पहले डीआरडीओ ने पानी के नीचे स्थित प्लेटफॉर्म से मिसाइल दागने के कई टेस्ट किए थे। भारतीय नौसेना अब मिसाइल प्रणाली के और अधिक टेस्ट करने की योजना बना रही है।

अगले साल शामिल हो सकती है तीसरी पनडुब्बी

नौसेना के पास बैलिस्टिक मिसाइल दागने की क्षमता वाली दो परमाणु पनडुब्बियां हैं, जिनमें INS अरिहंत और अरिघात शामिल हैं। तीसरी पनडुब्बी भी लॉन्च हो चुकी है और अगले साल इसके नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है।

16 नवंबर को हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण

डीआरडीओ ने 16 नवंबर 2024 को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया था। इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल को विभिन्न डोमेन में तैनात विभिन्न रेंज प्रणालियों द्वारा ट्रैक किया गया था। इस मिसाइल को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ विभिन्न अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। 

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