भारत और चीन के बीच हालिया तनातनी के बीच भारतीय विदेश मंत्री अरिंदम बागची का बयान आया है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर यानी एलएसी पर शांति होगी तभी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में विकास होगा। भारत ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति जरूरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से यह बात कही।
उनसे चीन के नए विदेश मंत्री किन गांग की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों पक्ष एलएसी पर सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में स्थिति को सामान्य बनाने के इच्छुक हैं। बागची ने कहा, ‘आप भारत के दीर्घकालिक रूख से अवगत होंगे कि हमारे संबंधों के विकास के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन एवं शांति सुनिश्चित करना जरूरी है।’
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही द्विपक्षीय समझौतों का पालन करना तथा सीमा पर एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने का प्रयास करने से भी बचना होगा। भारत कहता रहा है कि (चीन के साथ) रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते हैं जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होती है।
चीन द्वारा कुछ क्षेत्रों में निर्माण कार्य करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उन्हें अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिये भारतीय सशस्त्र बलों पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से बातचीत जारी है और इन माध्यमों के जरिये ही चीनी गतिविधियों के बारे में अवगत कराया जाता है। बागची ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा पर सामान्य स्थिति लाने, पीछे हटने के कार्य की दिशा में ध्यान केंद्रित कर रखा है।