नई दिल्ली: उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर एक भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा पीने से हुई मौत के मामले पर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री पूरी दुनिया के लिए एक भरोसेमंद सप्लायर रही है, और सरकार इस तरह के किसी भी मामले को बहुत गंभीरता से लेती है। खांसी के जिस सीरप के सेवन के चलते बच्चों की मौत की बात कही गई है उस ‘Dok1 Max’ सिरप को नोएडा स्थित भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक बनाती है।
भारतीय फार्मा इंडस्ट्री की छवि पर पूछा गया था सवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में पूछा गया था कि क्या इस तरह के मामलों से दुनिया में भारत की फार्मा इंडस्ट्री की छवि खराब नहीं हो रही है। बागची ने कहा, ‘भारतीय फार्मा इंडस्ट्री दुनिया भर के देशों के लिए एक भरोसेमंद सप्लायर रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि कथित तौर पर कफ सीरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत के बाद उज्बेकिस्तान में कंपनी के एक स्थानीय प्रतिनिधि सहित कुछ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है और इस संदर्भ में हम उन लोगों को जरूरी राजनयिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
‘भारत ने उज्बेक पक्ष से उनकी जांच का ब्यौरा मांगा है’
बागची ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने 18 बच्चों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के संबंध में मीडिया में आई खबरों को देखा है। उज्बेकिस्तान के अधिकारियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ये मौतें पिछले 2 महीनों में हुई हैं। बागची ने कहा, ‘उज्बेकिस्तान प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है जिसमें कफ सीरप पीने से कथित संबंध होने का विषय भी शामिल है। उज्बेक अधिकारियों ने औपचारिक रूप से हमारे साथ इस मामले को नहीं उठाया है। फिर भी, भारतीय दूतावास ने उज्बेक पक्ष से सम्पर्क किया और उनकी जांच का ब्यौरा मांगा है।’
कंपनी ने दवा का निर्माण रोका, CDSCO की जांच जारी
बता दें कि मामले की जांच केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने शुरू कर दी है और कंपनी के कानूनी मामलों के प्रतिनिधि ने गुरुवार को कहा कि ‘डॉक-1 मैक्स’ दवा का निर्माण ‘फिलहाल’ रोक दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि दवा कंपनी के निरीक्षण के आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि CDSCO 27 दिसंबर से मामले के संबंध में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय औषधि नियामक के नियमित संपर्क में है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि बच्चों की मौत ‘डॉक-1 मैक्स’ दवा पीने से हुई।