Highlights
- रोबोटिक्स सर्जरी के उपयोग ने स्वास्थ्य प्रणाली के पूरे परिदृश्य को बदल दिया है।
- अत्यधिक महंगी होने की वजह से यह प्रणाली लाखों लोगों की पहुंच से दूर है।
- भारत के रोबोटिक सिस्टम विदेशी रोबोटिक्स प्रणाली की तुलना में एक चौथाई सस्ते होंगे।
Robotic Surgery: मेडिकल साइंस में पिछले 2 दशकों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक सर्जिकल उपकरणों के विकास के साथ रोबोटिक्स सर्जरी के उपयोग ने स्वास्थ्य प्रणाली के पूरे परिदृश्य को बदल दिया है। मेडिकल फील्ड में हो रहे तकनीकी बदलाव के बीच रोबोटिक सर्जरी को खासा पसंद किया जा रहा है। हालांकि अत्यधिक महंगी होने की वजह से यह प्रणाली लाखों लोगों की पहुंच से दूर है। लेकिन आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में पहली बार रोबोटिक सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं जो मौजूदा विदेशी रोबोटिक्स प्रणाली की तुलना में एक चौथाई सस्ते होंगे।
रोबोटिक सिस्टम को इसलिए सबसे सस्ता सिस्टम कहा जा रहा है, क्योंकि इसके एक रो यूनिट की कीमत 4-5 करोड़ है, जबकि ग्लोबल सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम की एक यूनिट की कीमत 15-17 करोड़ है। भारत में इस वक्त केवल 70-80 रोबोटिक्स यूनिट्स हैं, जो कि कई अन्य देशों के मुकाबले काफी कम हैं। एसएस इनोवेशंस कंपनी ने एसएसआई मंत्रा(मल्टीआर्म नोवल टेली रोबोटिक असिस्टेंस) सर्जिकल रोबोट प्रणाली विकसित की है। कंपनी का दावा है कि यह भारत का सबसे सस्ता रोबोटिक सर्जरी सिस्टम है और इस साल के अंत तक पूरे देश में इस सर्जरी सिस्टम के 100 यूनिट लगने वाले हैं।
कंपनी के संस्थापक डॉ. सुधीर श्रीवास्तव के अनुसार, इस पहल के बाद देश के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के मरीजों को काफी किफायती दामों पर रोबोटिक्स सर्जरी प्रणाली का लाभ मिल सकेगा। डॉक्टर सुधीर का दावा है कि रोबोटिक्स सर्जरी का भविष्य बेहद ही उज्जवल है। शुरूआत में रोबोटिक सर्जरी के लिए कई सर्जिकल उपकरणों बाजार में आए, लेकिन मशीनों की सीमित उपलब्धता और उनकी भारी लागत की वजह से वह उपयोग में नहीं आ पाए। जब प्रौद्योगिकी का विस्तार हुआ तो 3 नए रोबोटिक सर्जरी सिस्टम विकसित हुए; दा विंची सर्जिकल सिस्टम, ज़ीउस और एईएसओपी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम। इन तीनों उपकरणों के वजूद में आने के बाद रोबोटिक सर्जरी तकनीकि लगातार विकसित हुए और पिछले एक दशक में इस तकनीकी में काफी वृद्धि देखने को मिली है।
इस रोबोटिक सिस्टम के इस्तेमाल से यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, गायनोकोलॉजी, थोरैसिक, कॉर्डिएक, सिर और गर्दन समेत तमाम बड़े ऑपरेशन किए जा सकते हैं। रोबोटिक सिस्टम का पहली बार इस्तेमाल हाल ही में दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर संस्थान में किया गया. रोबोटिक सिस्टम का इस्तेमाल यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, गायनोकोलॉजी, थोरैसिक, कॉर्डिएक, सिर और गर्दन समेत तमाम बड़े ऑपरेशन में किया जा सकता है। वर्तमान समय में विदेशी कंपनियों की सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली करीब 16 करोड़ रुपए में उपलब्ध है लेकिन स्वदेशी रोबोटिक्स सर्जरी प्रणाली महज 4 से 5 करोड़ में उपलब्ध होगी।
रोबोटिक सर्जरी क्या है?
रोबोटिक सर्जरी, कंप्यूटर-समर्थित सर्जरी और रोबोट-समर्थित सर्जरी, उन विभिन्न तकनीकी विकासों के लिए शब्दावली है, जिन्हें वर्तमान में विभिन्न प्रकार की शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की सहायता के लिए विकसित किया गया है।
रोबोटिक सर्जरी कैसे होती है?
छोटे-छोटे चीरों के माध्यम से आपके शरीर के अंदर एक छोटा 3D कैमरा और छोटे सिक्के के आकार का उपकरण डाला जाता है। यह कैमरा आपके सर्जन को ऑपरेशन करने वाली जगह का एक बड़ा 360 डिग्री दृश्य देता है। कंसोल के हाथों और पैरों के नियंत्रण का उपयोग करके, आपका सर्जन दूर से सर्जिकल साधनों से जुड़े रोबोटिक हाथों को हिलाता है।
रोबोटिक सर्जरी से क्या फायदा है?
यह पूरी तरह से कम्प्यूटर असिस्टेड सर्जरी है। इसमें एक मशीन ऑपरेशन करती है, जिसे विशेषज्ञ नियंत्रित करते हैं। इसमें उपकरण को 360 डिग्री और सातों दिशाओं में आसानी से घुमा सकते हैं। साथ ही रोगग्रस्त अंग या जिस भाग की सर्जरी की जा रही है उसे कितना भी जूम करके देख सकते हैं। इससे जटिलताओं की आशंका घट जाती है। सर्जन को थकान और मरीज के शरीर से अधिक ब्लीडिंग का खतरा भी कम होता है।