जम्मू-कश्मीर को लेकर चीन और पाकिस्तान की अनर्गल बयानबाजी पर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए करारा जवाब दिया है। भारत सरकार ने गुरुवार को चीन-पाक द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनुचित संदर्भों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने कड़ा जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग
दरअसल, बीते 7 जून को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के बीच वार्ता के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में संयुक्त बयान जारी किया गया था। गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने सात जून को चीन और पाकिस्तान के बीच संयुक्त बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनुचित संदर्भों को देखा है। हम इन्हें पूरी तरह से खारिज करते हैं।
किसी अन्य देश को बोलने का अधिकार नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर हमारी स्थिति साफ है ये बात और संबंधित पक्षों को अच्छी तरह से पता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे। किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
CPEC फर भी जारी किया बयान
रणधीर जायसवाल ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर भी कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इस गलियारे का हिस्सा भारत के संप्रभु क्षेत्र में हैं, जो पाकिस्तान द्वारा जबरन और अवैध कब्जे में हैं। जायसवाल ने कहा कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आघात करने वाले इस जगहों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को मजबूत करने या वैध बनाने के लिए अन्य देशों द्वारा किए गए किसी भी कदम को अस्वीकार करते हैं और इसका विरोध करते हैं।
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