Highlights
- भारत ने अफगानिस्तान की जनता के लिए गेंहू और जीवन रक्षक दवाएं भेजने का एक प्रस्ताव पाकिस्तान को भेजा था।
- भारत ने इस बात पर जोर दिया कि मानवीय सहायता पहुंचाने पर किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मदद पहुंचाने के तौर तरीकों पर बातचीत चल रही है।
नयी दिल्ली: भारत ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है। भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवीय सहायता पहुंचाने पर किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए। दरअसल, भारत ने पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान की जनता के लिए 50,000 टन गेंहू और जीवन रक्षक दवाएं भेजने का एक प्रस्ताव 7 अक्टूबर को पाकिस्तान को भेजा था और उसे 24 नवंबर को पाकिस्तान से जवाब मिला है।
‘पाकिस्तान से बातचीत जारी है’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मदद पहुंचाने के तौर तरीकों पर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा,‘हम अफगानिस्तान की जनता के लिए 50,000 टन गेंहू और जीवनरक्षक दवाएं भेजने का इंतजार कर रहे हैं। तब से हम आपूर्ति के तौर तरीकों पर पाकिस्तान से बातचीत कर रहे हैं। ये बातचीत जारी हैं। हम अपनी बात दोहराते हैं कि मानवीय सहयोग के लिए कोई शर्त नहीं होनी चाहिए और जैसा कि मैंने कहा है बातचीत जारी है,हम आगे की जानकारी मिलने पर उसे साझा करेंगे।’
पाकिस्तान ने मदद में लगाया अड़ंगा
मामले के जानकारों के अनुसार पाकिस्तान इस बात पर अड़ा है कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए गेंहू और जीवनरक्षक दवाओं की खेप वाघा सीमा के बाद से उसके ट्रकों पर आगे भेजी जाएं जबकि भारत अपने ही वाहनों के जरिए इन्हें भेजना चाहता है। उन्होंने बताया कि भारत चाहता है कि मदद लाभार्थियों तक सीधे पहुंचे और इनका वितरण किसी भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के जरिए हो।
NSA स्तरीय वार्ता पर यह बोले बागची
अफगानिस्तान पर हाल में भारत द्वारा आयोजित एनएसए स्तरीय वार्ता पर आगे की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि यह समान दृष्टिकोण वाले देशों के लिए विचार साझा करने और सुरक्षा के मद्देनजर यह पहचानने का अवसर था कि आगे का रास्ता क्या है। उन्होंने कहा कि मुद्दे पहचाने गए और भारत अफगानिस्तान पर विभिन्न देशों के साथ विभिन्न प्रारूपों में चर्चा में शामिल है।