Highlights
- भारत-इटली मिलकर लगाएंगे अपराधों पर लगाम
- कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) पर हस्ताक्षर जल्द
India Italy Treaty: भारत और इटली अंतरदेशीय संगठित अपराध और आतंकवाद सहित आपराधिक मामलों की जांच, अभियोजन और निवारण के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) पर हस्ताक्षर करने के और करीब पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पहले ही दो दौर की वार्ता हो चुकी है जिसमें सहमति रिपोर्ट पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिससे नयी दिल्ली और रोम के बीच जल्द ही एमएलएटी को अंतिम रूप देने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पर हस्ताक्षर हाल में हुई दूसरे दौर की वार्ता के दौरान हुए।
वार्ता सही दिशा में चल रही है
यह बैठक भारत की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (समन्वय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग) सहेली घोष रॉय और इटली की ओर से इतालवी न्याय मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों और अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग के महानिदेशक स्टीफेनो ओपिलियो के नेतृत्व में हुई। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि वार्ता सही दिशा में चल रही है और भारत और इटली द्वारा एमएलएटी पर जल्द हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
दोनों देशों के बीच 2012 में तनाव बढ़ गया था
उल्लेखनीय है कि एमएलएटी दो या इससे अधिक देशों के बीच समझौता होता है जिसका उद्देश्य जन और आपराधिक कानूनों को लागू करने में सूचना एकत्र करना और उसका आदान-प्रदान करना होता है। इस संधि के तहत प्राप्त होने वाली सहायता में लोगों, स्थानों और चीजों की जांच व पहचान करना, एक-दूसरे के यहां हिरासत में लिए गए लोगों का आदान-प्रदान और आपराधिक गतिविधियों को रोकना शामिल है। भारत और इटली में राजनयिक संबंधों में सुधार के बाद एमएलएटी पर वार्ता शुरू हुई। दोनों देशों के बीच फरवरी 2012 में इतालवी मरीन द्वारा केरल के तट के नजदीक दो भारतीय मछुआरों की हत्या से तनाव पैदा हो गया था।
भारत ने 44 देशों के साथ किया है समझौता
गौरतलब है कि भारत ने अबतक ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, ईरान, इंडोनेशिया, इजराइल, कजाखिस्तान, कुवैत, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, मेक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, म्यांमा, ओमान, रूस, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड, तजाकिस्तान, थाईलैंड, तुर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम सहित 44 देशों के साथ इस तरह का समझौता किया है।