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भारत बनाने जा रहा है रॉकेट फोर्स, ‘प्रलय‘ मिसाइलें बदल देंगी जंग का रुख, सहम जाएंगे चीन-पाकिस्तान

जिन प्रलय मिसाइलों पर भारत काम कर रहा है, उनकी खासियत यह है कि जंग की स्थिति में प्रलय मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। दुश्मन यदि चाहे भी कि एयर डिफेंस सिस्टम से प्रलय मिसाइल को रोक लिया जाए, तो भी ये संभव नहीं है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Apr 17, 2023 9:30 IST, Updated : Apr 17, 2023 10:32 IST
भारत बनाने जा रहा है रॉकेट फोर्स, ‘प्रलय‘ मिसाइलें बदल देंगी जंग का रूख, सहम जाएंगे चीन-पाकिस्तान
Image Source : PTI FILE भारत बनाने जा रहा है रॉकेट फोर्स, ‘प्रलय‘ मिसाइलें बदल देंगी जंग का रूख, सहम जाएंगे चीन-पाकिस्तान

India-China-Pakistan: चीन और पाकिस्तान की ओर से भारत को हमेशा खतरा बना रहता है। इन खतरों से निपटने के लिए भारत अपनी पूरी तैयारी में है। इन दोनों देशों को करारा जवाब देने के लिए भारत रॉकेट फोर्स बनाने की कोशिश में जुटा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डिफेंस मिनिस्ट्री इसके लिए 7500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बैलेस्टिक मिसाइल प्रलय की 250 यूनिट का ऑर्डर देने वाला है। दिसंबर 2022 में रक्षा मंत्रालय से इंडियन एयरफोर्स के लिए इन मिसाइलों की नई यूनिट को मंजूरी देने के बाद यह कदम उठाया गया है। 

जिन प्रलय मिसाइलों पर भारत काम कर रहा है, उनकी खासियत यह है कि जंग की स्थिति में प्रलय मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। दुश्मन यदि चाहे भी कि एयर डिफेंस सिस्टम से प्रलय मिसाइल को रोक लिया जाए, तो भी ये संभव नहीं है। प्रलय की मारक क्षमता, उसकी रेंज को बढ़ाने पर काम चल रहा है। सबसे पहले प्रलय मिसाइल इंडियन एयरफोर्स, फिर इंडियन आर्मी में शामिल की जाएंगी। 

भारत को क्यों है रॉकेट फोर्स की जरूरत

भारत के पूर्व चीन और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान जैसे देशों की दोहरी चुनौती है। इन दोनों दुश्मन देशों से जंग की संभावित स्थिति में भारत अपनी ताकत का इस्तेमाल करने के लिए पूरी तैयारी और दमखम को बढ़ा रहा है। इसमें रॉकेट फोर्स की अहम भूमिका रहेगी। चीन के साथ भारत की 3400 किलोमीटर लंबी सीमए लगती है। वहीं पाकिसतान भी कश्मीर से गुजरात तक भारत की लंबी सीमा से सटा हुआ है। ऐसे में किसी भी परिस्थिति का सामना इन लंबी सीमाओं पर करने में रॉकेट फोर्स की अहम भूमिका रहेगी। रॉकेट फोर्स की कार्रवाई इतनी सटीक रहेगी कि चीन और पाकिस्तान को मौका ही नहीं मिल पाएगा।

जानिए रॉकेट फोर्स के बारे में

भविष्य की जंग में तेजी और जल्दी निर्णायक जीत हासिल करने में रॉकेट फोर्स की अहम भूमिका होगी। टैंक और लड़ाकू विमानों की परंपरागत जंग से परे रॉकेट फोर्स त्वरित परिणाम लाने वाले हथियार के रूप में पहचान रख सकेंगे। भविष्य के युद्धों में तेजी से और निर्णायक रूप से जमीन पर सैनिकों को तैनात किए बिना दुश्मन के सामरिक और सैन्य अड्डों को तगड़ी चोट पहुंचाने के लिए नए.नए उपाय खोजे जा रहे हैं। उनमें से ही एक तरीका मिसाइलों के जरिए होगा। 

भारत को होगा यह फायदा

रॉकेट फोर्स बन जाने से इंडियन आर्मी के कोर ऑफ आर्टिलरी से दबाव हटेगा। ये फोर्स भारत के स्ट्रैटेजिक हथियारों को नियंत्रित करने के साथ्ज्ञ ही मौका पड़ने पर तुरंत जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है। भारत की रॉकेट फोर्स से पाकिस्तान हमले की हिमाकत नहीं कर पाएगा।  इससे सैनिकों के हताहत होने की संख्या भी कम होगी।

जंग का रूख बदल सकती है प्रलय मिसाइल

प्रलय दरअसल, हाफ बैलेस्टिक मिसाइल है। जो कि जमीन से जमीन पर मार करती है। डीआरडीओ ने प्रलय मिसाइल को पृथ्वी और प्रहार मिसाइल को मिलाकर विकसित किया है।  ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलावा, यह भारत द्वारा तैनात की जाने वाली एकमात्र पारंपरिक सामरिक युद्धक्षेत्र मिसाइल है।इसका संचालन  भारत की सामरिक बल कमांड के हाथ में न होकर रॉकेट फोर्स के हाथों में होगा।  प्रलय मिसाइल 350 से 700 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है।यह मिसाइल चीनी सेना के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में अधिकतम लाभ प्रदान कर सकती है।

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