India Vs pakistan @ LOC: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा (LOC) पर भारत ने सेना को मजबूती देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने इस दौरान सीमा पर सेना के लिए सड़कों, बंकरों और युद्धक वाहनों के लिए रैंपों का जाल बिछा दिया है। सैनिकों के लिए बनी पोस्ट को हाईग्रेड करने के साथ नई पोस्ट भी बनाई गई हैं। सीमा पर बाड़ लगाने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। ताकि कोई भी घुसपैठिया भारतीय सीमा में कदम नहीं रखने पाए। यह सब काम महज एक वर्ष में पूरा किया गया है। ऐसे में अब अगर पाकिस्तान ने सीमा पर किसी तरह की गुस्ताखी की तो उसे माफ नहीं जाएगा। सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर वक्त तैयार होगी।
भारत-पाकिस्तान द्वारा 2021 में सैन्य संघर्ष विराम की घोषणा के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रक्षा बुनियादी ढांचे में बहुत बड़े पैमाने पर सुधार किया है। इसमें सेना के टैंकों के लिए रैंप बनाने और बीएसएफ बंकरों को मजबूत करना भी शामिल है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि जम्मू स्थित सीमाक्षेत्र के 26 किलोमीटर के खंड में बुनियादी ढांचे के जीर्णोद्धार और कुछ नए निर्माण का पहला चरण हाल ही में पूरा किया गया है, जबकि इसी क्षेत्र में 33 किलोमीटर के खंड का एक और काम जारी है। यहां सेना के जरूरत की सभी सुविधाओं को हाईग्रेड कर दिया गया है। हालांकि सेना ने पूरा ब्यौरा देने से सुरक्षा वजहों से इंकार कर दिया। मगर अब सीमा क्षेत्र में सेना को इस कदर सुविधाएं दी जा रही हैं कि पाकिस्तान सीमा पर कोई गलती करने से पहले कई बार सोचेगा।
2289 किलोमीटर है भारत-पाक सीमा
भारत-पाकिस्तान की कुल 2,289 किलोमीटर लंबी है। इस अंतरराष्ट्रीय सीमा में से जम्मू 192 किलोमीटर की सरहद साझा करता है। वहीं, दोनों पड़ोसी देशों के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) प्रमुख रूप से कश्मीर में पड़ती है और यह लगभग 772 किलोमीटर लंबी है। अधिकारियों ने कहा कि रक्षा बुनियादी ढांचे के विकास में विभिन्न ‘डीसीबी’ (तटबंध) का निर्माण और पुनरुद्धार, क्षतिग्रस्त सीमा बाड़ का रखरखाव, ऊंचे क्षेत्रों में सेना के टैंकों की आवाजाही के लिए रैंप का निर्माण, सीमा सुरक्षा बल ‘मोर्चा’ (सैनिक पोस्ट) का उन्नयन और निगरानी समेत अन्य सुरक्षा तंत्र की तैनाती के मद्देनजर बंकरों की मजूबती शामिल है। यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले कोष से किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान द्वारा 20 फरवरी, 2021 को जम्मू और कश्मीर मोर्चे पर अपने संघर्ष विराम समझौते पर सहमति के बाद इन कार्यों को शुरू किया गया था और पहले चरण (26 किलोमीटर का हिस्सा) का काम पूरा कर लिया गया है।