भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस की ऐतिहासिक यात्रा की थी और वहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिले थे। हालांकि, दूसरी ओर अमेरिका ने पीएम मोदी की रूस यात्रा पर नाराजगी जाहिर की थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन नाटो शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे थे। उसी समय पीएम मोदी रूस की यात्रा पर थे। अब भारत ने भी पीएम मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका को सख्त संदेश जारी किया है। पीएम मोदी की रूस यात्रा को भारत ने साफ तौर पर 'पसंद को तरजीह देने की स्वतंत्रता' का मामला बताया है। आइए जानते हैं भारत ने और क्या-क्या कहा।
वास्तविकता के प्रति सचेत रहे अमेरिका
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में अमेरिका को लेकर कई सख्त बयान जारी किए हैं। जायसवाल ने कहा कि भारत का रूस के साथ दीर्घकालिक संबंध रहा है और ये संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित है। रणधीर जायसवाल ने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व में, सभी देशों को अपनी पसंद को तरजीह देने की स्वतंत्रता है। हर किसी के लिए ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना और उन्हें समझना आवश्यक है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इसी महीने दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने पीएम मोदी की रूस यात्रा पर टिप्पणी की थी। लू ने कहा था कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन नाटो शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं, ऐसे समय में पीएम मोदी की रूस यात्रा से अमेरिका निराश है। लू ने कहा था कि हम उन चिंताओं के बारे में भारत से बात कर रहे हैं।
भारत में अमेरिकी राजदूत ने भी दिया था बयान
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने 8 और 9 जुलाई को रूस की यात्रा की थी और व्लादिमीर पुतिन से मिले थे। इसके बाद जो बाइडन प्रशासन के कई अधिकारियों ने रूस और भारत के संबंधों की आलोचना की थी। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी इस यात्रा के विरोध में बयान दिया था। (इनपुट: भाषा)
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