प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-‘गगनयान’ के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। मोदी ने तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) का मंगलवार को दौरा किया। उन्होंने इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तीन प्रमुख अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने वीएसएससी में बताया कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप एवं अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए नामित अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने इन चारों को ‘अंतरिक्ष यात्री पंख’ प्रदान किए।
बता दें कि इसरो का लक्ष्य साल 2025 तक स्पेस में इन चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का है, इसी मिशन का नाम गगनयान है। आइए जानते हैं कि गगनयान मिशन के 4 अंतरिक्ष यात्री कौन हैं? कहां के रहने वाले हैं? क्या पढ़ाई लिखाई की है?
गगनयान मिशन के 4 अंतरिक्ष यात्रियों से मिलिए-
1. एस्ट्रोनॉट प्रशांत बालकृष्णन नायर
प्रशांत नायर का पूरा नाम प्रशांत बालाकृष्णन नायर है, वह केरल के के पलक्कड़ के नेनमारा के रहने वाले हैं। उनको रूस में मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए ट्रेनिंग दी गई है। वह एक CAT ए फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उनके पास लगभग 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, हॉक, डोर्नियर, An-32 आदि विमान उड़ाए हैं। उन्होंने एक प्रमुख लड़ाकू विमान Su-30 Sqn की कमान भी संभाली है। प्रशांत एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
2. एस्ट्रोनॉट अजित कृष्णन
एस्ट्रोनॉट अजित कृष्णन वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं। वह भी प्रशांत बालाकृष्णन की तरह ही एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन के रूप में कार्यरत हैं। अजीत कृष्णन का जन्म 19 अप्रैल 1982 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं। वायु सेना अकादमी में राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण पदक और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर भी मिला हुआ है। वह फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उनके पास लगभग 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-21, Mig-29, जगुआर, डोर्नियर, An-32 जैसे कई एयरक्राफ्ट विमान उड़ाए हैं। वह DSSC, वेलिंगटन के पूर्व छात्र भी हैं।
3. एस्ट्रोनॉट अंगद प्रताप
मिशन गगनयान के एस्ट्रोनॉट अंगद प्रताप भी वायुसेना में फाइटर और टेस्ट पायलट हैं। वह भी ग्रुप कैप्टन के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ था। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं। 18 दिसंबर 2004 में उन्हें वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया। उनके पास फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट का करीब 2000 घंटे का अनुभव है। अंगद ने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं।
4. एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला वायुसेना में विंग कमांडर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। गगनयान मिशन के लिए न जाने कितने पायलटों का टेस्ट हुआ, जिनमें से तीन अन्य के साथ शुभांशु शुक्ला को भी चुना गया। 10 अक्टूबर 1085 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु की मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है। वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में उन्हें 17 जून 2006 में शामिल किया गया। वो एक फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं, साथ ही टेस्ट पायलट भी। उनके पास 2000 घंटे के उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं।
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