Sunday, December 22, 2024
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अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास पर चीन की आपत्तियों को भारत ने किया खारिज, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

उत्तराखंड में चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर चीन की आपत्तियों विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत काअमेरिका के साथ संबंध है और इसे कोई वीटो नहीं कर सकता ।

Edited By: Niraj Kumar
Published : Dec 01, 2022 21:54 IST, Updated : Dec 01, 2022 22:04 IST
अमेरिका-भारत सैन्य अभ्यास
Image Source : पीटीआई अमेरिका-भारत सैन्य अभ्यास

नयी दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच उत्तराखंड में चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर चीन की आपत्तियों को विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर वह किसी तीसरे देश को ‘वीटो’ नहीं दे सकता है। चीन पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि ऑली में अमेरिका के साथ संयुक्त युद्ध अभ्यास का चीन के साथ 1993 और 1996 के समझौते से कोई लेना देना नहीं है। 

भारत-अमेरिका संबंध में कोई वीटो नहीं कर सकता-विदेश मंत्रालय

बागची ने कहा, ‘चूंकि चीनी पक्ष ने इस मुद्दे को उठाया है, ऐसे में मैं इस बात को रेखांकित करूंगा कि चीन को 1993 और 1996 के समझौते के उसके द्वारा किए गए उल्लंघन करने के बारे में स्वयं सोचना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘भारत किसके साथ युद्ध अभ्यास करता है, उसको लेकर किसी तीसरे पक्ष वीटो प्रदान नहीं कर सकता है।’ उन्होंने कहा कि भारत का अमेरिका के साथ संबंध है और इसे कोई वीटो नहीं कर सकता ।

चीन ने भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास पर जताई थी आपत्ति

बता दें कि चीन ने अमेरिका के साथ उत्तराखंड में भारत के युद्ध अभ्यास का विरोध करते हुए कहा था कि चीन-भारत से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है। भारत के साथ संबंधों में दखल नहीं देने की अमेरिका को चीन की चेतावनी के बारे एक खबर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर वह क्या कह सकते हैं, क्योंकि उन्हें धमकी नहीं दी गई । 

चीन ने अमेरिका को भी दी चेतावनी

 गौरतलब है कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न दें। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कांग्रेस (संसद) में पेश एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। पेंटागन ने कहा है कि वर्ष 2021 के दौरान पीएलए ने भारत-चीन सीमा के एक खंड पर सैन्य बलों की तैनाती बरकरार रखी और एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण भी जारी रखा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच वार्ता में न्यूनतम प्रगति हुई है, क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते हैं। चीन में कोविड को लेकर पाबंदी एवं लॉकडाउन लगाये जाने के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में बागची ने कहा कि वह किसी देश द्वारा कोविड से निपटने की रणनीति पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सम्पूर्ण मानवता कोविड से उबर आयेगी ।

इनपुट-भाषा

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