India's Economy Crossed & Global Forum: देश में नोटबंदी के बाद शुरू हुए डिजिटल लेन-देन की रफ्तार अब अमेरिका को अचरज में डाल रही है और चीन को चौंका रही है। भारत के शहरों से लेकर गांवों तक डिजिटल इकोनॉमी का पहिया तेजी से भाग रहा है। केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश की डिजिटल इकोनॉमी अब 1000 अरब डॉलर के करीब पहुंचने वाली है। यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। यूपीआइ ट्रांजेक्शन की रफ्तार से दुनिया हतप्रभ है। अब डिजिटल इकोनॉमी ही देश का भविष्य बन चुकी है। एक दिन यही डिजिटल इकोनॉमी भारत को विकसित राष्ट्र के पथ पर ले जाने का इतिहास रचेगी।
आपको बता दें कि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर मंगलवार को दुबई में आयोजित होने वाले ‘‘इंडिया ग्लोबल फोरम’’ में शिरकत करेंगे। इस दौरान भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का डंका बजना तय है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि चंद्रशेखर इस सम्मेलन में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति और नवाचार पर प्रकाश डालेंगे। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
देश में नवाचार के इकोसिस्टम का लगातार विस्तार हो रहा है। मंत्रालय ने कहा कि चंद्रशेखर ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’’ में भारत की प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी प्रतिभा के वैश्वीकरण की थीम पर आयोजित मंत्रिस्तरीय गोलमेज परिचर्चा के दौरान प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी उद्यमियों से मिलेंगे तथा भारत में निवेश के अनुकूल माहौल से उन्हें अवगत कराएंगे।
डिजिटल इकोनॉमी ने गढ़े नए आयाम
इस कार्यक्रम में भारत, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन से प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी नेता, मंत्री, सीईओ और संबंधित हितधारक हिस्सा लेंगे। वैश्विक स्तर पर अपने कारोबार का विस्तार करने की आकांक्षा रखने वाले उद्यमियों के लिए आयोजित किये जाने वाले इस कार्यक्रम का मकसद उन्हें प्रोत्साहित करना है। पिछले पांच-छह वर्षों के दौरान देश की डिजिटल इकोनॉमी ने तरक्की के नए आयाम गढ़े हैं। डिजिटल इकोनॉमी के दम पर ही भारत आज विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बना बैठा है। जबकि इन दिनों चीन 40 वर्षों की सबसे बड़ी मंदी झेल रहा है। पश्चिमी देशों की भी हालत खस्ता है। ब्रिटेन से लेकर जर्मनी तक की अर्थव्यवस्था डवांडोल चल रही है।