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COVID 4th wave: भारत में आएगी कोरोना की चौथी लहर? 2 नए सब-वैरिएंट से बढ़ी चिंता

दुनिया के कई देश ओमीक्रोन और इसके सब वेरिएंट से कराह रहे हैं। भारत में कोरोना की चौथी लहर को लेकर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, देश में वैक्सीनेशन तेजी से किया जा रहा है। लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि कोरोना के नए वैरिएंट पर भारतीय वैक्सीन कितनी कारगर होगी?

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 14, 2022 10:36 IST
India Covid 4th Wave Prediction- India TV Hindi
Image Source : ANI FILE PHOTO India Covid 4th Wave Prediction

Highlights

  • कोरोना वायरस के नए-नए वेरिएंट्स नई लहर पैदा कर रहे हैं
  • भारत में कोरोना की चौथी लहर का खतरा मंडराया
  • यूरोपीय, एशियाई देशों में कोरोना वायरस की चौथी लहर का कहर जारी

India Covid 4th Wave Prediction: कोरोना वायरस के कहर से दुनिया एक बार फिर से खौफ में है। कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वैरिएंट का BA.2 सब वैरिएंट इस समय दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इस बीच ओमीक्रोन दो नए सब-वैरिएंट BA.4 और BA.5 मिलने से दुनिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। यूरोपीय और एशियाई देशों में कोरोना वायरस की चौथी लहर का कहर जारी है। कई देश ओमीक्रोन और इसके सब वेरिएंट से कराह रहे हैं। भारत में कोरोना की चौथी लहर को लेकर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, देश में वैक्सीनेशन तेजी से किया जा रहा है। लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि कोरोना के नए वैरिएंट पर भारतीय वैक्सीन कितनी कारगर होगी?

जानिए दो नए सब-वैरिएंट को लेकर WHO क्या कहता है?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा है कि वह बेहद संक्रामक माने जाने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो नए सब-वैरिएंट BA.4 और BA.5 के कई दर्जन केस मिलने के बाद इन पर नजर रख रहा है। WHO ये देख रहा है कि क्या ये नए सब-वैरिएंट पहले से मौजूद वैरिएंट्स से भी ज्यादा संक्रामक और घातक हैं। WHO पहले से ही ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स BA.1 और BA.2 को ट्रैक कर रहा है, जो अभी दुनिया में दो सबसे डोमिनेंट वैरिएंट हैं। WHO का कहना है कि कोरोना के दो नए सब-वैरिएंट्स पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि इनमें अतिरिक्त म्यूटेशन थे। ऐसे में इनकी इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता को जानने के लिए और स्टडी किए जाने की जरूरत है।

जानिए दो नए सब-वैरिएंट्स को लेकर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन दोनों नए सब-वैरिएंट्स के कम घातक होने की संभावना है, लेकिन इनसे बचाव के लिए लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूर करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि अभी ये कहना जल्दबाजी होगी कि इन दोनों नए सब-वैरिएंट्स के म्यूटेशन का कोरोना महामारी पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। अभी तक इन दोनों सब-वैरिएंट्स के केसेज बहुत तेजी से बढ़ने की जानकारी नहीं है। इन दोनों सब-वैरिएंट्स से अभी तक किसी की मौत की सूचना नहीं है।

भारत में आएगी कोरोना की चौथी लहर?

भारत में भी कोरोना की चौथी लहर को लेकर चिंता बढ़ गई है। राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। केंद्र ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोरोना के प्रति बढ़ते खतरे को लेकर हाल ही में आगाह किया है। देश में दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट और तीसरी लहर में ओमीक्रोन जानलेवा साबित हुआ था। कहा जा रहा है कि अब चौथी लहर में कोरोना वायरस का पूरा कुनवा हमला करने के लिए तैयार है। कोरोना वायरस को कोविड-19 नाम दिया गया है। कोरोना वायरस की फैमिली मेंबर में सार्स कोविड-2, डेल्टा, ओमीक्रोन इसके सदस्य है, यानी ये वेरिएंट है। ओमिक्रॉन की वजह से भारत में तीसरी लहर आई थी। ऐसे में इसके दो नए सब-वैरिएंट मिलने से कोरोना केसेज तेजी से बढ़ने की आशंका है।

दुनिया में कहां पाए गए नए सब-वैरिएंट्स के केस

WHO का कहना है कि, वायरस पर नजर रखने वाले ग्लोबल GISAID डेटाबेस में BA.4 और BA.5 के कुछ दर्जन केस रिपोर्ट हुए हैं। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने पिछले हफ्ते कहा कि BA.4 के केस 10 जनवरी से 30 मार्च के बीच साउथ अफ्रीका, डेनमार्क, बोत्सवाना, स्कॉटलैंड और इंग्लैंड में पाए गए हैं। वहीं पिछले हफ्ते तक BA.5 के सभी केस साउथ अफ्रीका में पाए गए थे। बोत्सवाना में पाए गए BA.4 और BA.5 के सभी केस 30 से 50 साल की उम्र के लोगों में पाए गए हैं।

जानिए कितना खतरनाक है XE वेरिएंट 

हाल ही में कोरोना का नया वैरिएंट XE पाया गया था। भारत में XE का एक केस गुजरात में मिला है। वहीं मुंबई में इसका केस पाए जाने का दावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कर दिया था। वहीं WHO ने XE वेरिएंट की भी चेतावनी दी है। XE वेरिएंट ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है। XE ओमीक्रोन के दोनों सब-वेरिएंट का हाइब्रिड है। 

वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी अधिकतम 6 महीने तक ही रहती है

शुरूआती रिसर्च के मुताबिक, जांच के दौरान XE वेरिएंट की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। इसलिए इसे स्टील्थ वेरिएंट भी कहा जाता है। अब तक कोविड के तीन हाइब्रिड या रिकॉम्बिनेंट स्ट्रेन का पता चला है, जिसमें से पहला- XD, दूसरा- XF और तीसरा- XE है। इनमें से पहले और दूसरे वेरिएंट डेल्टा और ओमीक्रोन के कॉम्बिनेशन से पैदा हुए हैं, जबकि तीसरा ओमीक्रोन सबवैरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है। एक्सपर्ट्स के अनुसार वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी अधिकतम 6 महीने तक ही रहती हैं। यानी देश के इन करोड़ों लोगों के किसी भी नए वैरिएंट से संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा है। वैक्सीन की दोनों डोज लगवाएं और दूसरी डोज लगवाने के 9 महीने बाद बूस्टर डोज भी लगवाएं।

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