Highlights
- लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल सहित अन्य अहम मुद्दों पर बातचीत संभव
- समिट में जिनपिंग का पुतिन से भी मुलाकात करने का प्लान
- 2020 से चीन से बाहर नहीं निकले हैं जिनपिंग
India China: अगले माह उजबेकिस्तान में शंघाई सहयोग समिट का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन से इतर, भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में दोनों देशों राष्ट्राध्यक्षों के बीच एलएसी यानी लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल सहित अन्य अहम मुद्दों पर बातचीत संभव है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जिनपिंग अपने रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं।
2020 से चीन से बाहर नहीं निकले हैं जिनपिंग
हालांकि, भारत और चीन ने अभी तक आधिकारिक तौर पर 15-16 सितंबर के दौरान समरकंद में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए अपने नेताओं की व्यक्तिगत भागीदारी की पुष्टि नहीं की है। मोदी ने जहां इस साल कई बहुपक्षीय और द्विपक्षीय बैठकों के लिए विदेश यात्रा की है, इसके उलट शी ने जनवरी 2020 से चीन से बाहर कदम नहीं रखा है। हालांकि, शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग एसईओ की बैठक के लिए समरकंद की यात्रा कर सकते हैं। हालांकि वे हांगकांग यात्रा पर एक बार जरूर चीन से निकले थे। लेकिन हांगकांग पर चीन का ही कब्जा है। ऐसे में ये पहली बार होगा जब चीन से निकलकर जिनपिंग किसी अन्य देश की यात्रा पर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जा रहे हों।
2020 में म्यांमार गए थे जिनपिंग
कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले शी जिनपिंग आखिरी बार जनवरी 2020 में म्यांमार के दौरे पर गए थे। ये बात वुहान की कैपिटल सिटी को पूरी तरह बंद करने से कुछ दिन पहले की है। दरअसल चीन ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोविड जीरो रणनीति का पालन किया था। जिसके चलते जिनपिंग की सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रा रोक दी गईं और वह सभी राजनीतिक बैठकों और कार्यक्रमों में डिजिटल तरीके से ही शामिल हुए थे। एससीओ समिट में वे शिरकत करते हैं, तो 2020 के बाद यह पहली बार होगा, जब वह किसी देश की यात्रा करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शी जिनपिंग बैठक में वर्चुअली शामिल होने का विकल्प भी चुन सकते हैं।
मोदी और जिनपिंग में है मित्रता, कई बार कर चुके हैं मुलाकातें
हाल के समय में चीन की करतूतों की वजह से भारत के साथ तनाव भी बढ़ा है। डोकलाम और गलवान के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आई है। हालांकि समाधान की दिशा में दोनों देशों के बीच सैन्यस्तर की बातचीत जारी है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के साथ शी जिनपिंग कई बार मुलाकातें कर चुके हैं। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच व्यक्तिगत रूप से भी दोस्ती अच्छी है। यदि इस समिट दोनों की मुलाकात हुई, तो हो सकता है कि दोनों राष्ट्राध्यक्ष एलएसी और अन्य अहम मुद्दों पर गहन विमर्श करें।