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India China: भारत-चीन के बीच शुरू हुई 16वें दौर की बैठक, इन मुद्दों को लेकर बना हुआ है तनाव

India China: भारत और चीन के बीच आज 16वें दौर की बैठक शुरू हुई। यह बातचीत लद्दाख में हो रही है। कमांडर स्तर की इस बातचीत में भारत डेपसांग और डेमचोक के मुद्दों के समाधान के अलावा सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर जल्द सैनिकों को हटाने के लिए चीन पर दबाव डालेगा।

Written By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Jul 17, 2022 10:13 IST, Updated : Jul 17, 2022 11:04 IST
India China Talk
Image Source : FILE PHOTO India China Talk

Highlights

  • भारत-चीन के बीच आज होगी 16वें दौर की बैठक
  • कमांडर स्तर की हो रही है बातचीत
  • द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति चाहिए तो सीमा पर शांति एक ज़रूरी शर्त

India China: भारत और चीन के बीच आज 16वें दौर की बैठक हो रही है। यह बातचीत लद्दाख में हो रही है। कमांडर स्तर की इस बातचीत में भारत डेपसांग और डेमचोक के मुद्दों के समाधान के अलावा सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर जल्द सैनिकों को हटाने के लिए चीन पर दबाव डालेगा। भारत का कहना है कि अगर द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति चाहिए तो सीमा पर शांति एक ज़रूरी शर्त है। भारत ने इससे पहले भी कई बार सीमा विवाद सुलझाने को लेकर चीन से पीछे हटने की बात कही है, लेकिन चीन है कि अब तक डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार ही नहीं हो रहा है।

इन तीन प्रमुख मुद्दों पर होगी बातचीत

14वें कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उनके चीनी समकक्ष मेजर जनरल यांग लिन रविवार को लद्दाख के चुशुल में बैठक कर रहे हैं। उनके बीच तीन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। इनमें एक है, पीपी15, दूसरा है देपसांग और तीसरा है डेमचोक। पीपी 15 वह प्वॉइंट है जहां तक भारतीय सेना साल 2020 से पहले तक गश्त करती रही थी। इसे लेकर भारत फिर से चीन पर यथास्थिति बहाल करने का दबाव बना सकता है। देपसांग की समस्या बहुत पुरानी है, भारतीय सेना पहले पीपी10,11 और ए तक अपने अधिकारियों के साथ गश्त करती थी। लेकिन 2019 में चीन ने अपने दो सैन्य वाहनों को बॉलटन क्षेत्र में खड़ा कर दिया है जिससे वह भारतीय सेना की गश्त रोक सके। हालांकि भारत ने भी ईंट का जवाब पत्थर से दिया है और चीनी वाहनों के सामने अपने सैन्य वाहन भी लगा दिए हैं। डेमचोक की समस्या एक नाले की समस्या है, जिसे निलुंग नाला या सिएनएन जंक्शन भी कहते हैं। चीनी सैनिकों ने इस नाले के पास साल 2018 से तीन टेंट लग रखे हैं, जो नाले से महज 200 मीटर की दूरी पर हैं। भारत इन टेन्ट्स को हटाने की मांग कर रहा है।

एक दिन पहले ही शी जिनपिंग ने की थी शिनजियांग की यात्रा

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बैठक से एक दिन पहले ही शिनजियांग का दौरा किया था। माना जा रहा है कि शी जिनपिंग का दौरा भारत और चीन के बीच होने वाले 16वें दौर के कमांडर स्तर की बातचीत के मद्देनजर ही रखा गया था। आपको बता दें शिनजियांग सैन्य कमान ही मई 2020 में चीन और भारत के बीच हुए सैन्य गतिरोध के बाद लद्दाख में भारत-चीन सीमा कि देख रेख कर रही है।

बाली में भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उठाया था मुद्दा

बीते हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बाली में चीनी विदेश मंत्री वांय यी से मुलाकात के दौरान पूर्वी लद्दाख से जुड़े विवाद को प्रमुखता से उठाया था। जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर बाली में एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री के साथ लगभग एक घंटे की बैठक की थी। इस बैठक में एस जयशंकर ने कहा था कि हमें शीघ्र पूर्वी लद्दाख से संबंधित मुद्दों के समाधान की जरूरत है।

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