Tuesday, November 26, 2024
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India China Pakistan: चीन-पाक की बढ़ी टेंशन, सीमा पर भारतीय सेना ने तैनात की एम 777 हॉवित्जर तोपें, जानें खासियत

India China Pakistan: भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं पर एम777 होत्जिर तोपों को तैनात कर दिया है। 155 मिलीमीटर की ये तोपें ऐसी जगहों पर लगाई गईं हैं, जहां से पाकिस्तान और चीन दोनों पर घातक हमला हो सकता है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: September 29, 2022 18:48 IST
M777 Hovitzer- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV M777 Hovitzer

Highlights

  • तोपों की तैनाती से बढ़ेगी भारतीय क्षेत्र की सुरक्षाः सेना
  • चिनूक हेलिकॉप्टर से भी ले जाई जा सकती हैं होवित्जर तोेपें
  • लद्दाख के कुछ इलाकों में भी तैनात की गई थीं एम 777 होवित्जर

India China Pakistan: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। कभी भारत के हित में ‘मीठे बोल‘ बोलता है, तो कभी यूएन में आतंकवादियों पर भारत के विरोध में वीटो करता है। सीमा पर भी डोकलाम और गलवान जैसी गतिविधियां करके वो अपने ‘नापाक‘ इरादे जता चुका है। चीन को मजा चखाने के लिए भारत ने बॉर्डर पर न सिर्फ अपने सैनिकों की ताकत दिखाई है, बल्कि अत्याधुनिक हथियारों को तैनात करके दुश्मन देश को अपनी हद में रहने को मजबूर कर दिया है। इसी कड़ी में भरतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं पर एम777 हॉवित्जर तोपों को तैनात कर दिया है। 155 मिलीमीटर की ये तोपें ऐसी जगहों पर लगाई गईं हैं, जहां से पाकिस्तान और चीन दोनों पर घातक हमला हो सकता है। इस तोप के गोले किसी भी मौसम में 24 से 40 किमी की रेंज में दुश्मन की धज्जियां उड़ा सकते हैं।

तोपों की तैनाती से बढ़ेगी भारतीय क्षेत्र की सुरक्षाः सेना

भारतीय सेना ने देश की उत्तरी सीमाओं पर घातक हथियार तैनात कर दिया है। ये है एम777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर। एम 777 अल्ट्रा लाइट लेजर तोप है। इससे पहले इसकी तैनाती अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमाओं के पास की गई थी। इन तोपों की तैनाती से अब पड़ोसी दुश्मन देशों से भारतीय क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ जाएगी। यह जानकारी भारतीय सेना ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है।

चिनूक हेलिकॉप्टर से भी ले जाई जा सकती हैं होवित्जर तोेपें

उत्तरी सीमाओं के आसपास हिमालय के ऊंचे पहाड़ हैं। वहां पर सेना बड़े टैंक्स या आर्टिलरी नहीं पहुंचा सकती। इसलिए एम 777 हॉवित्जर को चिनूक हेलिकॉप्टर से पहुंचाया गया है। इन तोपों को किसी वाहन से खींचकर भी पहुंचाया जा सकता है, लेकिन एक सीमा तक ही। उसके बाद इसे हेलिकॉप्टर से उठाकर किसी भी जगह पहुंचा सकते हैं, क्योंकि इनका वजन कम होता है।

अमेरिकी में बनती है, असेंबलिंग होती है भारत में

इस तोप को अमेरिका की बीएई सिस्टम बनाती है, लेकिन इसकी असेंबलिंग भारत में ही एक निजी रक्षा कंपनी करती है। 155 मिलीमीटर अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर का उपयोग इससे पहले अफगानिस्तान, इराक और सीरिया जैसे युद्धों में अमेरिका अच्छे से कर चुका है। भारतीय सेना के पास ऐसी 110 तोपें हैं। 145 और तोपों को खरीदने का डील हुआ पड़ा है। इसे आठ लोग मिलकर चलाते हैं। एक मिनट में 7 गोले दागता है। गोले की रेंज अलग.अलग कोण पर 24 से 40 किलोमीटर है। गोला एक किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की ओर बढ़ता है।

लद्दाख के कुछ इलाकों में भी तैनात की गई थीं एम 777 होवित्जर

इससे पहले एम 777 हॉवित्जर की तैनाती लद्दाख के कुछ स्ट्रैटेजिक हिस्सों में किया गया था। यह बात तब की है जब चीन से सीमा को लेकर संघर्ष चल रहा था। क्योंकि इन तोपों को कहीं भी आसानी से तैनात कर सकते हैंण् भारतीय सेना फॉरवर्ड पोजिशन पर इन तोपों की तैनाती करके अपनी फायर पावर बढ़ा रही है। इस तोप को दुनिया भर के आधा दर्जन से ज्यादा देश उपयोग कर रहे हैं।

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