भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। यह अब चीन से आगे निकल गया है। बुधवार को जारी संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की एक नई रिपोर्ट के आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है। यूएनएफपीए की द स्टेट ऑफ वल्र्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन (142.86 करोड़) तक पहुंच गई है, जबकि चीन की 1,425.7 मिलियन (142.57 करोड़) है, जिसका मतलब है हमारी जनसंख्या चीन से 2.9 मिलियन यानि 29 लाख ज्यादा है। यूएनएफपीए ने अपनी ताजा रिपोर्ट में आकंड़े जारी करते हुए कहा है कि भारत में लगभग 68 प्रतिशत जनसंख्या 15-64 की उम्र के बीच हैं, जबकि 65 से ऊपर के लोग सिर्फ 7 प्रतिशत हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में ही इस बात का अनुमान लगाया था कि भारत सबसे अधिक आबादी वाले देश बनने वाला है। UNFPA की इस रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार-
- भारत में 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 आयु वर्ग के बच्चों की है
- 18 प्रतिशत 10-19 साल की आयु के बच्चों की आबादी है
- वहीं 10 से 24 साल के आयु वर्ग की जनसंख्या 26 प्रतिशत है
- सबसे ज्यादा 68 प्रतिशत जनसंख्या 15 से 64 आयु वर्ग में हैं
- जबकि 65 से ऊपर के लोग सिर्फ 7 प्रतिशत हैं
भारत बना दुनिया का सबसे युवा देश
यूएनएफपीए की नयी रिपोर्ट में गौर करने वाली बात ये है कि भारत की 25 प्रतिशत आबादी 0 से 14 साल के आयु वर्ग में है और उसकी 18 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 19 साल की है। जबकि 26 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 24 साल की है। इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा 68 प्रतिशत आबादी 15 से 64 वर्ष के आयुवर्ग में है। इन आंकड़ों के मुताबिक भारत 15 से 20 के आयु वर्ग में 25.4 करोड़ युवा आबादी के साथ दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश बन गया है।
बिहार और उत्तर प्रदेश सबसे युवा
भारत के दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र का पूर्वानुमान है कि देश की जनसंख्या अगले तीन दशक तक बढ़ती रह सकती है और उसके बाद यह घटना शुरू होगी। भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़कर सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या पूर्वानुमान-2022 के अनुसार 2050 तक भारत की जनसंख्या 166.8 करोड़ पहुंच सकती है, वहीं चीन की आबादी घटकर 131.7 करोड़ हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषण के अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश में युवा आबादी अधिक है। UNFPA की भारत की प्रतिनिधि और भूटान की निदेशक एंड्रिया वोज्नार ने कहा, ‘‘भारत की 1.4 अरब आबादी को 1.4 अरब अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें-