Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस की जंग को खत्म करने के लिए भारत और फ्रांस कर रहे हैं मिलकर ये काम

Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस की जंग को खत्म करने के लिए भारत और फ्रांस कर रहे हैं मिलकर ये काम

Russia-Ukraine War: फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के खुलेआम हमला है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published : Oct 01, 2022 17:40 IST, Updated : Oct 01, 2022 17:40 IST
Russia-Ukraine War
Image Source : AP Russia-Ukraine War

Highlights

  • एक बहुत ही स्वागत योग्य टिप्पणी है
  • युद्ध को रोकने और बातचीत की मेज पर वापस लौटने का आह्वान करते हैं
  • जेलेंस्की बार-बार अपने क्षेत्रों को रूस से वापस लौटाने की बात कहते रहे हैं

Russia-Ukraine War:  फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के खुलेआम हमला है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। राजदूत ने पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि फ्रांस ने रूस द्वारा यू्क्रेन के चार क्षेत्रों के अवैध कब्जे  को लेकर की कड़ी निंदा की है।

यकीनन भारत नहीं चाहता होगा 

इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और यूक्रेन की संप्रभुता दोनों का गंभीर उल्लंघन बताया है। संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाल के आह्वान का स्वागत करते हुए, राजदूत ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों के नेता मास्को को बातचीत की मेज पर लौटने के वास्ते राजी करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि पुतिन साम्राज्यवाद के समय में लौटना चाहते हैं और हम यूरोप में, कहीं और भी इससे बचना चाहते हैं, खासकर इस क्षेत्र में जहां मैं बात कर रहा हूं।’’ लेनैन ने आगे कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी, हम यह नहीं चाहते हैं और मुझे यकीन है कि भारत नहीं चाहता कि कोई भी पड़ोसी आक्रामकता से सीमाओं पर अतिक्रमण करे।’’

फ्रांस करता है सम्मान 
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के हिस्सों को रूस में अवैध तरीके से शामिल करने संबंधी संधियों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद सात महीने से जारी युद्ध में तनाव और बढ़ गया। पुतिन के इस नवीनतम कदम पर यूरोपीय संघ ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त बयान जारी कर चार क्षेत्रों- डोनेत्स्क,लुहांस्क, खेरसन और जापोरिज्जिया के अवैध विलय को खारिज करते हुए उसकी निंदा की थी। राजदूत ने कहा कि फ्रांस भारत के निर्णय की स्वायत्तता का बहुत सम्मान करता है 

मोदी की तारीफ राष्ट्रपति ने की
पिछले महीने समरकंद के उज़्बेक शहर में पुतिन के साथ एक बैठक के दौरान मोदी की उस टिप्पणी की सराहना करता है कि "आज का युग युद्ध का नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह हमेशा की तरह एक बहुत ही स्वागत योग्य टिप्पणी है और आपने देखा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख और उद्धरण दिया है।" उन्होंने कहा, "हमें ठीक इसी तरह के बयानों की जरूरत है, जो पुतिन से इस युद्ध को रोकने और बातचीत की मेज पर वापस लौटने का आह्वान करते हैं।’

पुतिन ने शांति के लिए बढ़ाए कदम 
राष्ट्रपति पुतिन ने रूस के चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर अपना अधिकार जमाने के बाद अब युद्ध विराम का संकेत भी दे दिया है। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की के पास अब शांति का प्रस्ताव भेजा है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को अब संघर्ष छोड़कर बातचीत की मेज पर आगे आए। यही इसका रास्ता है। मतलब साफ है कि यूक्रेन के चार राज्यों को रूस का पार्ट बनाने के बाद अब पुतिन आगे युद्ध नहीं चाहते हैं। मगर यूक्रेन इस पर सहमत नहीं है। जेलेंस्की बार-बार अपने क्षेत्रों को रूस से वापस लौटाने की बात कहते रहे हैं। अपने क्षेत्रों पर दोबारा कब्जा नहीं मिलने तक यूक्रेन संघर्ष करते रहने का ऐलान भी करता रहा है। मगर अब देखना ये है कि इस ताजा घटनाक्रम के बाद यूक्रेन क्या निर्णय लेता है।

यूक्रेन के चार हिस्सों पर कब्जा 
दरअसल, पुतिन ने खेरसोन और जापोरिज्जिया के साथ दोनेत्स्क और लुहांस्क को भी रूस का हिस्सा बनाने में कामयाब हो गए हैं, पहले दो क्षेत्रों को रूस का हिस्सा बना दिया था। पुतिन के इस फैसले का यूक्रेन समेत अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र विरोध कर रहे हैं। पुतिन ने यह कदम इन चारों क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराने के बाद उठाया है। रूस के जनमत संग्रह के अनुसार इन चारों क्षेत्रों के 85 से 98 फीसद तक लोग यूक्रेन के इन क्षेत्रों को रूस में विलय करने के पक्ष में थे। उन सभी ने रूस के पक्ष में मतदान किया। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement