Highlights
- जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा - पीएम मोदी
- भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी - प्रधानमंत्री
- आजादी के अमृत महोत्सव में हमने उन्हें याद किया जिन्हें भुला दिया गया - पीएम
Independence Day PM Modi Speech: भारत आज अपना 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश की आजादी के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हमारे नागरिक बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अंबेडकर, वीर सावरकर के प्रति कृतज्ञ हैं। इन लोगों ने अपने कर्तव्य के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। कर्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा। हर भारतीय गर्व से भर जाता है, जब वह भारतीय महिलाओं रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, चेनम्मा, बेगम हजरत महल की शक्ति को याद करता है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कई बातें कहीं। इस लेख में जानेंगे लाल किले से उनके 9 वें भाषण की 10 खास बातें।
जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा - पीएम मोदी
लाला किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, "आज हम दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और 'परिवारवाद' या भाई-भतीजावाद। हमें अपनी संस्थाओं की ताकत का एहसास करने के लिए, योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने के लिए 'परिवारवाद' के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, हमें इससे लड़ना है।" उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा। बैंक लूटनेवालों की संपत्ति जब्त हो रही है।
भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी - प्रधानमंत्री
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि, "भारत लोकतंत्र की जननी है। जिनके जेहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं। सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी।" पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।
देश को दिया नया नारा
अपने संबोधन में देश की पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए पीएम मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो।
आजादी के अमृत महोत्सव में हमने उन्हें याद किया जिन्हें भुला दिया गया - पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को भी हृदय के घावों को याद करके मनाया। देशवासियों ने भारत के प्रति प्रेम के कारण सबने दर्द खुशी खुशी सहे। आजादी के अमृत महोत्सव में हम सेना के जवानों, पुलिस कर्मी, ब्यूरोक्रेट, लोकसेवक, जनप्रतिनिधि, शासक-प्रशासकों को याद करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि जब हम आजादी की चर्चा करते हैं, तो जंगलों में रहने वाले आदिवासी समाज का गौरव नहीं भूलते। बिसरा मुंडा समेत अनगिनत नाम है। जिन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर सुदूर जंगलों में आजादी के लिए मर मिटने की प्रेरणा जताई। एक दौर वो भी था, जब स्वामी विवेकानंद, स्वामी अरविंदो, रविंद्र नाथ टैगोर भारत की चेतना जगाते रहे। 2021 से शुरू हुए आजादी के अमृत महोत्सव में देशवासियों ने व्यापक कार्यक्रम किए। इतिहास में इतना बड़ा महोत्सव पहली बार हुआ। हमने उन महापुरुषों को भी याद किया, जिन्हें इतिहास में जगह नहीं मिली या उन्हें भुला दिया गया।
देश को दिलाए पांच प्रण
पीएम मोदी ने लाल किले पर अपने भाषण के दौरान 5 प्रण लिए हैं। पीएम ने इन्हें अमृतकाल के 5 प्रण बताया है। इसमें पहला प्रण है कि हमें बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा। दूसरा प्रण है कि हमारे मन में गुलामी का अगर एक अंश भी है तो उसे बचने नहीं देना है। तीसरा प्रण है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। पांचवां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य।