Highlights
- पीएम मोदी ने लाल किले पर अपने भाषण के दौरान 5 प्रण लिए
- पीएम ने इन्हें अमृतकाल के 5 प्रण बताया
- पहला प्रण- हमें बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा
Independence Day PM Modi Speech: 15 अगस्त के मौके पर देश जश्न में डूबा है और युवाओं में अपने स्वतंत्रता दिवस को लेकर खासा उत्साह भी दिखाई दे रहा है। पीएम मोदी (PM Modi) ने भी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं और लाल किले पर अपने भाषण के दौरान 5 प्रण लिए हैं। पीएम ने इन्हें अमृतकाल के 5 प्रण बताया है। इसमें पहला प्रण है कि हमें बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा। दूसरा प्रण है कि हमारे मन में गुलामी का अगर एक अंश भी है तो उसे बचने नहीं देना है। तीसरा प्रण है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। पांचवां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य।
पीएम मोदी ने लाल किले पर फहराया तिरंगा, संबोधन में कही ये बातें
लालकिले पर भाषण से पहले पीएम मोदी (PM Modi) ने तिरंगा भी फहराया। जब पीएम लाल किले पर पहुंचे तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पीएम को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। अपने भाषण में पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि हमारे नागरिक बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अंबेडकर, वीर सावरकर के प्रति कृतज्ञ हैं। इन लोगों ने अपने कर्तव्य के लिए अपना जीवन दे दिया। कर्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा। हर भारतीय गर्व से भर जाता है, जब वह भारतीय महिलाओं रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, चेनम्मा, बेगम हजरत महल की शक्ति को याद करता है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला।
भारत लोकतंत्र की जननी है: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जेहन में लोकतंत्र होता है और वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं तो वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है। ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि भारत वो देश है जो कण कण में शंकर देखता है। भारत की जीवन शैली ने दुनिया को प्रभावित किया है। हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं।