Highlights
- 48KM है इसकी मारक रेंज
- हर मिनट 5 गोले दागता है यह तोप
- यह तोप दिन और रात दोनों समय काम कर सकती है
Independence Day: देश आज अपना 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 9 वीं बार लाल किले से झंडा फहराया। इस दौरान 21 तोपों की सलामी दी गई। यह पहला मौका था जब 15 अगस्त पर लाल किले से स्वदेशी तोप से सलामी दी गई। इसके लिए DRDO द्वारा बनाए गए स्वदेशी हॉवित्जर गन का इस्तेमाल किया गया। इसे ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) कहा जाता है।
48 किलोमीटर है इसकी मारक रेंज
DRDO द्वारा बनाई गई इस तोप की गिनती दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों में होती है। इसकी रेंज 48 किलोमीटर है। माना जाता है कि यह तोप माइनस 30 डिग्री की ठंड हो या 75 डिग्री की गर्मी, यह हर मौसम में काम कर सकती है। चीन से लगी एलएसी से लेकर राजस्थान के रेतीले मैदान तक इस तोप का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह 155 एमएम कैलिबर की तोप है। इससे 155 एमएम के गोले दागे जा सकते हैं।
हर मिनट 5 गोले दागता है यह तोप
डीआरडीओ द्वारा बनाई गई यह तोप हर मिनट 5 गोले दाग सकता है। यह तोप दिन और रात दोनों समय काम कर सकती है। अंधेरी रातों में निशाना लगाने के लिए तोप में थर्मल साइट सिस्टम दिया गया है। इसके बैरल की लंबाई 8060 मिलीमीटर है। हल्के वजन के चलते इसे ऊंचे रणक्षेत्र में तैनात किया जा सकता है।
ब्लैंक गोले किये गए फायर
15 अगस्त के कार्यक्रम में सलामी के दौरान तोप से ब्लैंक गोले फायर किए जाते हैं। इन गोलों में सिर्फ बारूद होता है कोई प्रोजेक्टाइल नहीं होता। गोले दागने पर सिर्फ धमाके होते हैं। एक गोले का वजन 11.5 किलो होता है। पिछले 74 सालों से 15 अगस्त के कार्यक्रम में ब्रिटेन में बनी तोपों का इस्तेमाल होता था। केंद्र सरकार मेड इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है। इसलिए लाल किले पर देश में बने तोपों से सलामी देने का फैसला लिया गया।