77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला के प्राचीर से पीएम मोदी ने आज देशवासियों को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन में मणिपुर में हो रही हिंसा का भी जिक्र किया। पीएम ने जनता को बताया कि जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति लौट रही है। पीएम ने मणिपुर के लोगों से समस्याओं का समाधान खोजने के लिए शांति की राह पर बढ़ने का आग्रह किया है।
शांति ही समाधान
पीएम मोदी ने लाल किला से अपने संबोधन में बताया कि पिछले कुछ दिनों से मणिपुर से शांति की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार राज्य की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। पीएम ने कहा कि मणिपुर के लोगों ने बीते कुछ दिनों से जो शांति बनाई रखी है, उस शांति के पर्व को देश आगे बढ़ाए। इस शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा।
मणिपुर का दर्द महाराष्ट्र में भी
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी। पीएम ने कहा कि जब हम देश की एकता की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। अगर बाढ़ असम में आती है तो बेचैन केरल हो जाता है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के किसी भी हिस्से में कुछ भी हो, हम एक ही भाव की अनुभूति करते हैं।
बेटियों पर न हो जुल्म
पीएम मोदी ने मणिपुर में हुई हिंसा पर कहा कि देश की बेटियों पर जुल्म न हो, ये हमारा सामाजिक और पारिवारिक दायित्व है। ये देश के नाते हम सबका दायित्व है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा पर काबू के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है।
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