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Independence Day 2022: महात्मा गांधी से लेकर सुभाषचंद्र बोस तक, आजादी से पहले इनके भाषणों से थर-थर कांप उठे थे अंग्रेज, यहां देखिए 5 फेमस स्पीच

हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए सैकड़ों हजारों पुरुषों और महिलाओं ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। अब बची हैं, तो केवल उनके साहस की यादें और उनकी बताई गई बातें।

Written By: Shilpa
Published : Aug 04, 2022 17:41 IST, Updated : Aug 04, 2022 17:59 IST
Independence Day-Most Aggressive Speeches
Image Source : PEXELS Independence Day-Most Aggressive Speeches

Highlights

  • इस साल मनाया जा रहा 75वां स्वतंत्रता दिवस
  • 1947 में आजाद हुआ था हमारा देश भारत
  • राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कई भाषण हुए मशहूर

Independence Day 2022: 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था। इस साल भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलेगा। अभियान के दौरान देश के नागरिक अपने-अपने घरों में तिरंगा झंडा फहराकर आजादी का जश्न मनाएंगे। यही वजह है कि आजादी का जश्न इस बार पहले से कहीं खास होने वाला है। लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी डीपी (प्रोफाइल पिक्चर) पर तिरंगे की तस्वीर लगा दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट की ‘डिस्प्ले’ तस्वीर पर ‘तिरंगा’ लगाया है और लोगों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है। हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पार्टी के कई नेताओं ने अपने प्रोफाइल पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की हाथ में तिरंगा लिए तस्वीर डीपी के तौर पर लगाई है।

हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए सैकड़ों हजारों पुरुषों और महिलाओं ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। अब बची हैं, तो केवल उनके साहस की यादें और उनकी बताई गई बातें। तो चलिए इस साल स्वतंत्रता दिवस पर हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के कुछ मशहूर भाषणों के बारे में जान लेते हैं।

 
जवाहरलाल नेहरू- ट्रिस्ट विद डेस्टिनी (भाग्य के साथ वादा)

भारत की स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' भाषण दिया था और यह भारतीयों की यादों में आज भी ताजा है। अपने इस भाषण में नेहरू ने कहा था कि हमने नियति से मिलने का वचन दिया था और अब वो समय आ गया है, जब हम अपने वचन का पालन करें। पूरी तरह न सही लेकिन कुछ हद तक उसे निभाएं। 

बाल गंगाधर तिलक- स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है 

बाल गंगाधर तिलक ने जेल से छह साल बाद बाहर आने के बाद 1917 में नासिक में यह भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, 'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।' उनका ये नारा स्वशासन और अंततः पूर्ण स्वतंत्रता के लिए चल रहे राष्ट्रीय संघर्ष में बहुत महत्वपूर्ण हो गया था।

महात्मा गांधी- भारत छोड़ो
 
8 अगस्त 1942 को बंबई में महात्मा गांधी ने 'भारत छोड़ो' का नारा दिया था। उन्होंने गोवालिया टैंक मैदान में भाषण देते हुए उस मौदान का भी नाम बदलकर अगस्त क्रांति मैदान कर दिया गया था।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस- तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आदाजी दूंगा

नेताजी सुभाषणचंद्र बोस के इस भाषण की ये लाइनें आज भी देश के बच्चे-बच्चे को पता हैं। यह न केवल उस वक्त इतनी मशहूर हुईं, जब इन्हें कहा गया था। बल्कि आज के समय में भी हर कोई इनके बारे में जानता है। उन्होंने ये भाषणा 1944 में इंडियन नेशनल आर्मी के सदस्यों को संबोधित करते हुए बर्मा (म्यांमार) में दिया था।

महात्मा गांधी- दांडी मार्च का भाषण

ऐतिहासिक दांडी मार्च के दौरान महात्मा गांधी ने भी एक भाषण दिया था। उन्होंने उस दौरान ब्रिटेन से आयात होने वाले सामान का बहिष्कार करने और ब्रिटिश सरकार को करों के भुगतान से इनकार करने के लिए कहा था। 

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