नई दिल्लीः आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने पिछले आयकर रिटर्न के लिए जुर्माना रद्द करने के संबंध में कांग्रेस की अपील खारिज कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) ने कांग्रेस की तरफ से दायर की गई उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें आयकर विभाग द्वारा उनके बैंक खातों की रिवकरी और फ्रीजिंग की कार्यवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सूत्रों ने बताया कि अधिकरण ने शुक्रवार को यहां आयकर विभाग द्वारा 210 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के खिलाफ कांग्रेस की अपील खारिज कर दी।
कांग्रेस की अपील खारिज
कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का अनुरोध किया ताकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सके। हालांकि, पीठ ने यह कहते हुए इसे अस्वीकार कर दिया कि हमारे सामने ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश पर हम पर कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। इसके खिलाफ जल्द ही हाई कोर्ट जाएंगे। माकन ने कहा कि आम चुनावों से पहले आयकर न्यायाधिकरण का कांग्रेस के कोष को रोकने का आदेश लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कोई निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे कर सकता है जब आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी के खातों से 270 करोड़ रुपये की धनराशि जब्त कर ली है या निकाल ली है।
पिछली परिपाटियों का पालन नहीं किया गयाः तन्खा
कांग्रेस कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेक तन्खा ने कहा कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश से निराश हूं, जिसने अपनी पिछली नजीरों का पालन नहीं किया है। उन्होंने 20 प्रतिशत जुर्माने के भुगतान पर राहत देने में अपने पिछली परिपाटियों का पालन नहीं किया और वह भी एक राष्ट्रीय पार्टी के संदर्भ में जोकि लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है। आयकर विभाग ने पिछले दिनों 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रमुख खाते ‘फ्रीज’ कर दिए थे। हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगली सुनवाई होने तक खातों पर रोक हटा दी थी।
इस मामले में तन्खा ने बतौर अधिवक्ता कांग्रेस की पैरवी की। कांग्रेस ने पिछले महीने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर "आर्थिक आतंकवाद'' शुरू करने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उसके खातों से 65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ‘‘डाका डालकर’’ निकाल ली गई, ताकि लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से अपंग बनाया जा सके।
इनपुट- भाषा