हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है। इस फैसले से नाराज एक शख्स ने सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस से इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम पंकज अतुलकर है और वह भीम आर्मी से जुड़ा है।
जेल भेजा गया धमकी देने वाला आरोपी
भीम आर्मी के मध्यप्रदेश इकाई के प्रभारी पंकज अतुलकर को मंगलवार को बैतूल से गिरफ्तार किया गया है। उस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आरक्षण संबंधी फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। पुलिस ने बताया है कि 34 साल के अतुलकर को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
क्या दी थी धमकी?
जानकारी के मुताबिक, पंकज अतुलकर आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज था। उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट कर कहा था कि वह "अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को गुलाम बनाने का फैसला’’ देने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश को जान से मार देगा।"
इन धाराओं में केस दर्ज
भारत के मुख्य न्यायाधीश को जान से मारने की धमकी देने के बाद सोमवार को आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके। (इनपुट: भाषा)
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