ओडिशा के राउरकेला से एक सामाजिक कार्यकर्ता की अजीबोगरीब हरकत सामने आई है। मुक्तिकांत बिस्वाल ने बुधवार को भुवनेश्वर के शिशु भवन चौराहे पर एक विज्ञापन फ्लेक्स बोर्ड पर चढ़कर विरोध शुरू कर दिया। राउरकेला के लोगों की कुछ मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिलने की अनुमति नहीं मिलने पर बिस्वाल आत्महत्या करने की धमकी देते हुए फ्लेक्स बोर्ड पर चढ़ गए। इसके बाद दमकलकर्मियों ने उन्हें उतारा।
क्यों ऐसा करने पर हुए मजबूर?
बिस्वाल ( 2013 में स्टील सिटी के लोगों से किए गए वादों के बारे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को याद दिलाने के लिए राउरकेला से भुवनेश्वर तक लगभग 500 किलोमीटर पैदल चलकर गए लेकिन भुवनेश्वर में नवीन पटनायक से नहीं मिल पाए। फैसला लेते हुए उन्होंने फिर कई दिनों तक शहर में धरना दिया, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ, इसलिए बुधवार को वह फ्लेक्स बोर्ड पर चढ़ गए और हाथ में डीजल की बोतल लेकर खुद को आग लगाने की धमकी दी।
जान बचाने में लग गए पांच घंटे
दमकलकर्मियों ने पांच घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद बिस्वाल को बचाया, जिसके बाद उन्हें यहां के कैपिटल अस्पताल ले जाया गया। बिस्वाल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेंगे, जब तक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा किए गए सभी वादे पूरे नहीं हो जाते।
पीएम मोदी से भी मिलने की कोशिश
उन्होंने धमकी दी, "मैं यहां राउरकेला और सुंदरगढ़ के लोगों के लिए लड़ने आया हूं। अगर मुझे गिरफ्तार किया गया और सलाखों के पीछे डाल दिया गया, तो मैं जेल के अंदर आमरण अनशन करूंगा।"
बिस्वाल ने परियोजनाओं के मॉडल के साथ दो झांकी भी दिखाईं, जिसमें ब्राह्मणी नदी पर एक दूसरा पुल और आईजीएच को एक सुपर स्पेशियलिटी सुविधा में अपग्रेड करना शामिल है। पटनायक ने 2018 में बिस्वाल से मुलाकात के दौरान वादा किया था कि वह केंद्र सरकार के समक्ष यह मुद्दा रखेंगे। इससे पहले 1 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री ने दोनों परियोजनाओं की घोषणा की थी। बिस्वाल इससे पहले प्रधानमंत्री से मिलने नई दिल्ली भी गए थे, लेकिन असफल रहे।