Highlights
- भूस्खलन की 48 घटनाओं में सात लोगों की मौत
- 6 घटनाओं में 25 लोग डूब गए
- 19 अगस्त तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में पिछले महीनों में कई प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिली हैं, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गवांई है। पिछले डेढ़ महीने में मानसून के मौसम में कम से कम 205 लोगों की जान चली गई और 7 लापता हो गए। राज्य के आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
35 दुर्घटनाओं में कम से कम 103 लोगों की जान गई
उन्होंने यह भी कहा कि 29 जून से राज्य को सड़कों, पानी की लाइनों और बिजली व्यवस्था के क्षतिग्रस्त होने के कारण कुल 1,014.08 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि मानसून के इस मौसम में 29 जून से 16 अगस्त तक 35 दुर्घटनाओं में कम से कम 103 लोगों की जान चली गई, और पेड़ तथा चट्टान गिरने की कई घटनाओं में 33 लोग मारे गए। कई जगह अचानक बाढ़ से कई लोगों के मरने की जानकारी आई थी।
भूस्खलन की 48 घटनाओं में सात लोगों की मौत
मोख्ता ने कहा कि 6 घटनाओं में 25 लोग डूब गए, भूस्खलन की 48 घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई और इस अवधि के दौरान अचानक बाढ़ आने की 51 घटनाएं हुईं जिनमें तीन लोगों की जान चली गई। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों में मानसून से संबंधित घटनाओं में 120 जानवर भी मारे गए, 95 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और 335 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा।
बीते दिनों भी गई थी जानें
बीते 3 अगस्त को भारी बारिश से हुए भूस्खलन और मलबा आने के कारण उत्तराखंड की 166 और हिमाचल प्रदेश की 36 सड़कें ठप थीं। उधर, उत्तरकाशी में भारत-चीन सीमा पर नेलांग घाटी में पेट्रोलिंग के दौरान भूस्खलन की चपेट में आने से एक सैनिक की मौत हो गई थी। एक सैन्य अधिकारी के घायल होने की भी सूचना थी।
19 अगस्त तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य में 14 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। वहीं 15 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। पूरे राज्य में 19 अगस्त तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक भारी बारिश की स्थिति में पानी, बिजली व संचार सेवाएं बाधित हो सकती हैं। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन हो सकता है। अलर्ट को देखते हुए पर्यटकों व स्थानीय लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है और संबंधित विभागों की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने की सलाह दी गई है।