Sunday, December 22, 2024
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चीन में हालात बेकाबू, पर भारत के लिए खतरा नहीं है कोविड, जानिए IIT कानपुर ने क्या बताई वजह?

चीन में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। वहां हालात बेकाबू हो रहे हैं। लेकिन आईआईटी कानपुर के दावे को मानें तो भारत में कोविड से किसी तरह का खतरा नहीं है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि भारत के करीब 98 फीसदी नागरिकों में नेचुरल प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Dec 23, 2022 12:38 IST, Updated : Dec 23, 2022 12:38 IST
भारत के लिए खतरा नहीं है कोविड!
Image Source : FILE भारत के लिए खतरा नहीं है कोविड!

चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारत में भी बेचैनी फैल रही है। सरकार भी हर स्तर पर कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिए हर स्तर पर मोर्चाबंदी कर रही है। इसी बीच IIT कानपुर का कहना है कि कोरोना से भारत के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि भारत की 98 प्रतिशत आबादी कोरोना के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता ​हासिल कर चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि हो सकता है कि कुछ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो और हल्की लहर आ जाए। इसके अलावा कोई बात नहीं होगी। क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टियां चलती रहनी चाहिए। चीन में संक्रमण के 500 मामलों पर सिर्फ एक मामला सामने आ रहा है। 

बूस्टर शॉट या बचाव की जरूरत नहीं 

प्रोफेसर अग्रवाल ने दावा किया कि भारत में चिंता की कोई बात नहीं है। फिलहाल न तो वैक्सीन के बूस्टर शॉट की जरूरत है और न ही नए साल की पार्टियों, शादियों पर रोक लगाने की। टीके केवल अल्पकालिक सुरक्षा देते हैं। भारत को इसकी जरूरत भी नहीं है।

चीन में सिर्फ 20 फीसदी तक रोग प्रतिरोधक क्षमता 

प्रोफेसर अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर दावा किया कि अक्टूबर के अंत तक चीन में सिर्फ 5 फीसदी आबादी में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता थी। नवंबर में यह बढ़कर 20 फीसदी हो गया। नवंबर के बाद से चीन में संक्रमण तेजी से बढ़ा। चीनी सरकार संक्रमण के 500 से ज्यादा मामलों में केवल एक मामले की रिपोर्ट कर रही है। इस वजह से चीन से प्रतिदिन आने वाले नए मामलों की संख्या काफी कम है।

पहले से ही तय था वायरस का फैलाव'

प्रोफेसर के मुताबिक अभी भी चीन की 30 फीसदी आबादी इस वायरस की पहुंच से दूर है। इसका मतलब यह है कि आगे खतरा कम नहीं है। बल्कि मतलब आगे खतरा और बढ़ने वाला है। ओमिक्रॉन का वेरिएंट पूरी आबादी में फैल जाएगा। नए मामले और बढ़ेंगे। यह तब तक जारी रहेगा जब तक 90 फीसदी आबादी संक्रमित नहीं हो जाती। सीरो-सर्वे के जरिए कोविड के प्रसार को समझा जा सकता है। चीन का ऐसा कोई सर्वे उपलब्ध नहीं है। ओमिक्रॉन परिवार के वायरस टीके से प्राप्त प्रतिरक्षा को अलग करते हैं। ऐसे में चीन सरकार के जीरो कोविड नीति से हटने के बाद वायरस का फैलाव पहले से ही तय था। 

हर देश में ग्रोथ की अलग-अलग वजह 

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि दुनिया के जिन देशों ने नेचुरल इम्युनिटी हासिल कर ली है, उन्हें कोई खतरा नहीं है। ब्राजील में मामलों में वृद्धि ओमिक्रॉन के एक नए, अधिक विषाणुजनित म्यूटेंट के प्रसार के कारण है। इसके अलावा आबादी का एक हिस्सा प्रतिरक्षा खो देता है। दक्षिण कोरिया में 25 फीसदी, जापान में 40 फीसदी और अमेरिका में 20 फीसदी आबादी प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल नहीं कर पाई है।

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