Aap ki Adalat: इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत‘ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नई ड्राइविंग पॉलिसी पर बड़ा खुलासा किया है। गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही नई ड्राइविंग पॉलिसी और रूल्स लेकर आएगा। जिसके तहत आवेदकों को एक थियोरॉटिकल परीक्षा ऑनलाइन पास करनी होगी और फिर ड्राइविंग टेस्ट के लिए व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहना होगा। उन्होंने कहा, ‘ मैं खुले दिल से इस बात को स्वीकार करता हूं। कोई संकोच नहीं है कि इस 8-9 साल में पूरा प्रयास करने के बाद भी सड़क हादसों को हम कम नहीं कर सके हैं। हर साल 5 लाख से ज्यादा हादसे होते हैं। करीब 3 लाख लोगों के हाथ-पैर टूटते है और करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। जिनकी मौतें होती है उनमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग 18 से 34 आयुवर्ग के हैं।
हमने हादसों वाली जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने के लिए 1 हजार करोड़ रुपया खर्च किया है। हमारी कोशिश है कि ब्लैक स्पॉट्स को आइडेंटिफाई करके कहीं अंडर पास बना रहे हैं तो कहीं ब्रिज बना रहे हैं। इस तरह से सुधार की कोशिश की है।
दूसरा मुद्दा ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का है। उसमें भी हमने इकोनॉमिक मॉडल में 6 एयर बैग मैंडेटरी करने की बात कही है। उसमें लगातार सुधार किया है। तीसरी बात विशेष तौर पर एनफोर्समेंट ‘कानून लागू करने‘ की है। लोगों में कानून के प्रति सम्मान भी नहीं है और डर भी नहीं है। मगर बहुत कोशिश करने के बाद भी 3 प्रतिशत जीडीपीए का नुकसान सड़क हादसों के कारण होता है। मुझे दुख होता है कि सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं। इसलिए हम ड्राइविंग लाइसेंस नीति में बदलाव कर रहे हैं।
गडकरी ने खुलासा किया कि 2014 में जब वे परिवहन मंत्री बने तो उन्होंने सभी सरकारी ड्राइवरों की जांच कराई और पाया कि करीब 40 प्रतिशत ड्राइवर्स को मोतियाबिंद की शिकायत थी। गडकरी ने कहा-‘एक मुख्यमंत्री का ड्राइवर दोनों आंखों से अंधा था और वो आवाज़ मदद से गाड़ी चलाता था। एक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे मैं नाम नहीं लूंगा किसी का, उन्होंने मुझे बताया कि मेरा ड्राइवर एक आंख से ‘अंधा‘ था। मैं 9 साल के अनुभव के बाद ये समझ पाया हूं कि सड़क हादसे का सबसे बड़ा संबध ह्युमन बिहेवियर से है।‘