नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को मॉनसून को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। आईएमडी ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर लो प्रेशर का क्षेत्र बनने और अगले 2 दिनों में इसमें तेजी आने के चलते चक्रवाती हवाएं केरल तट की ओर मॉनसून के बढ़ने को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
कब आएगा मॉनसून
मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आने की संभावित तारीख नहीं बताई है। लेकिन आईएमडी ने कहा है, 'दक्षिण अरब सागर के ऊपर पश्चिमी हवाएं औसत समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक चल रही हैं। हालांकि, दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती प्रवाह के कारण, बादल छाने की स्थिति बनी है और वह उसी क्षेत्र में केंद्रित है। पिछले 24 घंटों में केरल तट के पास बादलों में कुछ कमी आई है।'
आईएमडी ने ये भी कहा, 'इसके अलावा, इस चक्रवाती प्रवाह के असर से अगले 24 घंटे के दौरान उसी क्षेत्र में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके उत्तर की ओर बढ़ने और बाद के 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है।'
कब आता है मॉनसून?
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर 1 जून को लगभग 7 दिनों के स्टैंडर्ड डेविएशन के साथ केरल में प्रवेश करता है। मई के बीच में, आईएमडी ने कहा था कि केरल में मॉनसून 4 जून तक आ सकता है। पिछले साल दक्षिण-पूर्वी मॉनसून 29 मई, 2021 में और उससे पहले 3 जून, 2020..1 जून, 2019.. और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
इससे पहले आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है। (इनपुट: भाषा)
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