IMD Alert: उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने गर्मी से तप रहे लोगों को खासी राहत पहुंचाई है। लेकिन वहीं इस मौसम का असर फसलों पर पड़ा है जिसने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बेमौसम बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि से खेतों में लगी गेहूं, सरसों, चना, गन्ने की खड़ी फसलों और मौसमी सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा है। इस बीच मौसम विभाग का कहना है कि, मंगलवार से बारिश थोड़ी थमने लगेगी। विभाग के मुताबिक उत्तर.पश्चिम और पूर्वी भारत में बारिश, आंधी और ओलावृष्टि का असर बुधवार से काफी कम हो जाएगा।
24 मार्च से फिर बदलेगा मौसम का मिजाज
वहीं मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि 24 मार्च से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली में एक बार फिर से तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि बारिश का यह नया दौर पश्चिमी विक्षोभ के कारण होगा जिसके 23 मार्च की रात से सक्रिय होने का अनुमान है।
कृषि जानकारों का कहना है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर गेहूं की खड़ी फसल पर पड़ने की आशंका है। उन इलाकों में खास तौर पर असर होगा, जहां फसल पककर कटाई के लिए तैयार है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की अगैती फसल पर बारिश का असर पड़ा है जिससे बीज की गुणवत्ता खराब होगी और अच्छी किस्म के गेहूं की कीमतें आने वाले समय में बढ़ सकती हैं।
इन राज्यों में किसान कर रहे त्राहिमाम
मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 500 से अधिक गांवों में 30 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो गई हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, संकट है, परेशानी है, लेकिन किसानों के फसलों की क्षति का आकलन होगा और क्षति का आकलन करके हम नुकसान की भरपाई करेंगे। प्रदेश में 25 मार्च तक सर्वे कार्य पूरा हो जाएगा और बर्बाद फसल का आकलन करने के बाद नुकसान की भरपाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को किसानों को हुए फसलों के नुकसान का आकलन के लिए सर्वेक्षण करने तथा किसानों को तत्परता से मुआवजा देने का निर्देश दिया है। सीएम ने बारिश और ओलावृष्टि को देखते हुए अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रभावित परिवार को चार लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा भी की है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी बारिश और ओलावृष्टि की स्थिति की समीक्षा के लिए बीते रविवार को उच्च स्तरीय बैठक की ।
वहीं, पंजाब में पिछले दो दिनों में तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश ने लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है। बारिश के साथ तेज हवा के कारम फसलें बर्बाद हुई हैं।
तेज बारिश और ओलावृष्टि का असर राजस्थान और हरियाणा में भी देखने को मिला है। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के सभी जिलों में 20 फीसदी से अधिक फसल को नुकसान हुआ है। जबकि अकेले झज्जर जिले में 60 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ है।
गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर और महेंद्रगढ़ में भी ओलावृष्टि का प्रभाव देखने को मिला है। तेज बारिश से सरसों और गेहूं की फसल को 15 से 20 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है। इसके अलावा बारिश के साथ तेज हवा चलने से खेतों में गेहूं की फसल बिछ गई है।
राजस्थान के कई जिलों में अभी भी बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है। प्रदेश में दो सप्ताह से रुक.रुककर हो रही बरसात किसानों पर कहर बनकर टूटी है। फसल खराब हो गई।अलवर में बारिश के कारण गेहूं और सरसों की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
केंद्र सरकार राज्यों को करेगी मदद
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि, बारिश औप ओलावृष्टि से गेहूं सहित रबी की फसलों को नुकसान हुआ है। हालांकि, अभी राज्यों से रिपोर्ट मिलना बाकी है। राज्य सरकार राज्य आपदा राहत कोष के तहत धन का उपयोग कर रही हैं। हमें राज्य सरकारों से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट अबतक नहीं मिली है। अगर राज्य सरकार नुकसान का आकलन करने के बाद रिपोर्ट भेजती हैं तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत उन राज्यों को मुआवजा प्रदान करेगी।