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IMD ने दी है चेतावनी-बढ़ता जाएगा हीटवेव, देश के बड़े हिस्से में सबसे बड़ा खतरा बनेगी भीषण गर्मी और लू

भारत में साल-दर-साल गर्मी बढ़ती जाएगी। मौसम विभाग की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि अब हीटवेव की अवधि बढ़कर 12 से 18 दिनों का हो जाएगा। जानिए क्या कहा गया रिपोर्ट में-

Edited By: Kajal Kumari
Published : Apr 26, 2023 9:18 IST, Updated : Apr 26, 2023 10:00 IST
IMD Alert
Image Source : FILE PHOTO बढ़ता जाएगा हीटवेव

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बड़ा अलर्ट जारी किया है और कहा है कि भारत के अधिकांश हिस्सों में साल 2060 तक हीटवेव के दिन ज्यादा हो जाएंगे। IMD  ने मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि देश के अधिकांश हिस्सों में साल 2060 तक हीटवेव की अवधि बढ़कर 12 से 18 दिनों की हो जाएगी, जिससे आम जनजीवन प्रभावित होगा।

IMD की "भारत में हीटवेव और कोल्डवेव की प्रक्रिया और भविष्यवाणी" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक गर्मी और अधिक ठंड का अंतराल बढ़ रहा है इसके लिए व्यवस्थित रूप से वेंटिलेशन और इन्सुलेशन को लेकर सुधार की जरूरत है। इसके लिए लोगों की रहने वाली इमारतों में वेंटिलेशन में सुधार; गर्मी से बचाव के लिए जागरूकता, मौसम को लेकर चेतावनी जारी करना और ठंडे आश्रयों का निर्माण करना जरूरी होगा।

IMD ने रिपोर्ट में कहा है कि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के कारण प्राकृतिक खतरों की तुलना में हीटवेव ने भारत को अधिक नुकसान पहुंचाया है, हीटवेव से लोगों की मौत में बढ़ोत्तरी हुई है। 

कब घोषित की जाती है हीटवेव

IMD की तरफ से हीटवेव तब घोषित किया जाता है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर और सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक होता है। भीषण लू की लहर तब घोषित की जाती है जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर और सामान्य से 6.5 डिग्री अधिक होता है। हीटवेव आमतौर पर मध्य, उत्तर-पश्चिमी भारत, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में मार्च से जून की अवधि में होती है। 

मध्य, उत्तर-पश्चिमी भारत और तटीय आंध्र प्रदेश में गर्मी की लहर कई स्टेशनों पर 10 दिनों से अधिक की होती है। भारत के सुदूर उत्तर-पश्चिम इलाकों में गर्मी का सबसे लंबा समय अब 15 दिनों से भी अधिक हो गया है। आईएमडी की रिपोर्ट में पाया गया है कि मध्य और उत्तर-पश्चिमी भारत में सबसे लंबी भीषण गर्मी की लहर आम तौर पर पांच दिनों से अधिक रहती है, जबकि आंध्र प्रदेश तट सहित दक्षिणी प्रायद्वीप में यह उससे कम है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण साल 2020 से 2064 की अवधि में लगभग दो हीटवेव की वृद्धि हुई है और आगे चलकर हीट वेव की अवधि बढ़कर 12 से 18 दिनों की हो सकती है। 

भविष्य में 30 गुना तक बढ़ जाएंगी गर्मी की लहरें

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि “एक वर्ष में औसतन दो से तीन दिन लू चलती हैं; पिछले 30 वर्षों में हीटवेव की कुल अवधि में तीन दिनों की वृद्धि हुई है। भविष्य में प्रति वर्ष दो हीटवेव में और वृद्धि की उम्मीद की गई है, जिसका मतलब है कि 2060 तक 12 से 18 दिनों की हीटवेव की अवधि होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रायद्वीपीय भारत और तटीय क्षेत्र जहां हीटवेव आम नहीं हैं, वहां भी भविष्य के परिदृश्य में हीटवेव रिकॉर्ड किया जाएगा। रिपोर्ट में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि 21 वीं सदी के अंत तक गंभीर गर्मी की लहरें वर्तमान से 30 गुना बढ़ जाएंगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि “ जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण एशिया में  21 वीं सदी के अंत तक कुछ स्थानों पर तापमान के अधिकतम सीमा तक पहुंचने और उसे पार करने की संभावना है। खासकर गंगा और सिंधु नदी घाटियों के घनी आबादी वाले कृषि क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी से सबसे बड़ा खतरा है। ”

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