IMD Alert: देशभर में सूरज की तपिश अब फिर से बढ़ने लगी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत में तापमान बढ़ने के साथ गर्मी भी बढ़ गई है। दक्षिण के कई राज्यों में भी अधिकतम तापमान बढ़ने लगा है। इन राज्यों में 38 से 40 डिग्री के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान, विदर्भ, मराठवाड़ा और छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने आगाह किया है कि अगले चार से पांच दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होगी।
दिल्ली सफदरजंग का न्यूनतम तापमान शनिवार को 14.1 डिग्री रहा जो सामान्य से 6 डिग्री कम है। अप्रैल 2023 के दौरान सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है। वहीं, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में तेज़ हवाओं के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने के बाद कमी आने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक हफ्ते के दौरान केरल और तमिलनाडु में अगले पांच दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भी इसी तरह की स्थिति बनी रहेगी।
दक्षिण राज्यों में बारिश का येलो अलर्ट जारी
आईएमडी ने केरल और तमिलनाडु के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। हैदराबाद में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है जबकि तिरुवनंतपुरम और कोच्चि में अगले पांच दिनों तक मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. दूसरी ओर, बेंगलुरु, चेन्नई, अमरावती और विशाखापत्तनम में इस दौरान केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
दिल्ली में अगले हफ्ते से अधिकतम तापमान 39 डिग्री तक पहुंच सकता है तो वहीं न्यूनतम 19 ड्रिगी तक रहेगा। स्काईमेट वेदर की माने तो दिल्ली में बारिश का दौर थम चुका है और अब आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अगले सप्ताह से उत्तर पश्चिम दिशा से आने वाली गर्म हवाएं दिल्ली-यूपी-बिहार में तापमान को बढ़ाएंगी।
दिल्ली में रविवार का न्यूनतम तापमान 14 डिग्री और अधिकतम तापमान 34 डिग्री रहेगा और आज आसमान साफ रहेगा। लखनऊ में आज न्यूनतम तापमान 18 और अधिकतम तापमान 36 डिग्री रह सकता है और आज आसमान साफ रहने की उम्मीद है।
स्काईमेट की मुताबिक, दक्षिण राजस्थान के मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो एक ट्रफ मध्य प्रदेश के मध्य भागों से विदर्भ, मराठवाड़ा और आंतरिक कर्नाटक होते हुए दक्षिण तमिलनाडु तक फैली हुई है.।