Y+ Security For Imam Umer Ahmed Ilyasi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को 'राष्ट्रपिता' बताने वाले ऑल इंडिया इमाम संगठन के चीफ डॉ. उमर अहमद इलियासी को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। उन्होंने हाल ही में RSS के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इस दौरान इलियासी ने मोहन भागवत को 'राष्ट्रपिता' बताया था। मोहन भागवत से मुलाकात के बाद से डॉ. उमर अहमद इलियासी को लगातार धमकियां मिल रही थीं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें Y+ सुरक्षा प्रदान की है।
हाला ही में डॉ. इलियासी ने कहा था कि वो अपने दिए बयान पर कायम हैं। उन्होंने मोहन भागवत को राष्ट्र ऋषि और राष्ट्रपिता कहा था। डॉ. उमर अहमद इलियासी और मोहन भागवत की मुलाकात 22 सितंबर को दिल्ली में हुई थी, तब भागवत उनसे मिलने के लिए कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे थे। इलियासी के बयान की कई मुस्लिम संगठनों ने आलोचना की थी और उन्हें समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दी गई। इलियासी के संगठन में भी बयान के बाद से बवाल मचा।
इससे देश में अच्छा संदेश भी गया है: सुहैब इलियासी
गौरतलब है कि जब RSS प्रमुख मोहन भागवत, डॉ उमर अहमद इलियासी से मुलाकात करने गए थे, तो उनके साथ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल, राम लाल और इंद्रेश कुमार थे। राम लाल पहले बीजेपी के संगठनात्मक सचिव थे, जबकि कुमार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक हैं। बैठक की जानकारियां शेयर करते हुए अहमद इलियासी के भाई सुहैब इलियासी ने कहा था, "यह काफी अच्छी बात है कि भागवत हमारे पिता की पुण्यतिथि पर हमारे निमंत्रण पर आए। इससे देश में अच्छा संदेश भी गया है।"
भागवत ने 'काफिर' शब्द के इस्तेमाल के मुद्दे को उठाया था
RSS प्रमुख साम्प्रदायिक सौहार्द्र को मजबूत करने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा की थी। उन्होंने हाल में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और कारोबारी सईद शेरवानी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भागवत ने हिंदुओं के लिए 'काफिर' शब्द के इस्तेमाल के मुद्दे को उठाया था और कहा था कि इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है।
'कुछ वर्गों में अब इसे अपशब्द के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा'
वहीं, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से मुसलमानों को जिहादी और पाकिस्तानी बताए जाने पर आपत्ति जताई थी। मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भागवत को यह भी बताया था कि काफिर शब्द के इस्तेमाल के पीछे मकसद कुछ और है, लेकिन कुछ वर्गों में अब इसे अपशब्द के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। आरएसएस प्रमुख ने बुद्धिजीवियों की चिंताओं को समझते हुए कहा था कि सभी हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है।